ऊधमसिंह नगर के एसएसपी ने प्लाज्मा डोनेट कर बचाई दो युवकों की जान

मुख्यालय से एबी पॉजीटिव प्लाज्मा का संदेश प्रसारित हुआ तो 58 वर्षीय एसएसपी दलीप सिंह कुंवर से रहा नहीं गया और उन्होंने प्लाज्मा डोनेट करने का मन बना लिया और वह हल्द्वानी पहुंच गए। 58 वर्ष की उम्र में जरा भी संकोच नहीं किया।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Fri, 14 May 2021 03:12 PM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 02:40 PM (IST)
ऊधमसिंह नगर के एसएसपी ने प्लाज्मा डोनेट कर बचाई दो युवकों की जान
संक्रमित दो लोगों की जान बचा लोगों के लिए मिसाल बन गए।

जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : दिल में मदद का जज्बा हो तो उम्र भी लक्ष्य हासिल करने से नहीं रोक पाती है। 58 वर्ष की आयु में एसा ही जज्बा जनपद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दलीप सिंह कुंवर ने दिखाया है। चार सौ एमएल रक्तदान कर कोरोना संक्रमित दो लोगों की जान बचा लोगों के लिए मिसाल बन गए।

पुलिस विभाग में कार्यरत कर्मचारी के रिश्तेदार के कोरोना संक्रमित होने के बाद वह सुशीला तिवारी वन चिकित्सालय हल्द्वानी में भर्ती था। उसकी हालत बिगड़ने पर बात पुलिस मुख्यालय तक जा पहुंसी। पुलिस महानिदेशक के दिशा निर्देश में टीम मिशन हौसला पर काम कर रही है। मुख्यालय से एबी पॉजीटिव प्लाज्मा का संदेश प्रसारित हुआ तो 58 वर्षीय एसएसपी दलीप सिंह कुंवर से रहा नहीं गया और उन्होंने प्लाज्मा डोनेट करने का मन बना लिया और वह हल्द्वानी पहुंच गए। वहां पहुंच कर उन्होंने प्लाज्मा डोनेट करने की तैयारी की तो पता लगा कि वहां पर एक और युवक भी गंभीर हालत में भर्ती है और उसको भी एबी पॉजीटिव प्लाज्मा की जरुरत है।

एसएसपी कुंवर ने 58 वर्ष की उम्र के बाबजूद चार सौ एमएल प्लाज्मा देने में जरा भी संकोच नहीं किया। उनके इस प्रयास से हेमचंद्र पांडे आयु 37 वर्ष पुत्र घनश्याम पांडे निवासी बिंदुखत्ता लालकुआं नैनीताल व सचिन जोशी आयु 29 वर्ष पुत्र नवीन जोशी निवासी कुसुमखेड़ा हल्द्वानी की जान बचा पाना संभव हो पाया है। एसएसपी कुंवर के इस प्रयास से दोनों परिवार के लोगों की आंखों से खुशी के आंसू झलक गए।

पहले आइपीएस बने कुंवर

प्लाज्मा डोनेट कर एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने लोगों के दिलों में जगह बना ली है। वह उत्तराखंड के पहले आईपीएस है, जिन्होंने आगे बढ़  मिसाल कायम करते हुए प्लाज्मा डोनेट करने का मन बनाया। जबकि उनकी आयु अधिक होने पर एक व्यक्ति के लिए ही प्लाज्मा डोनेट करने की सलाह दी गई थी, लेकिन उन्होंने मानवता का परिचय देते हुए विभाग के साथ ही आम आदमी की जान बचाने का काम किया।

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