वनाग्नि से लड़ेंगे एसएसबी व आइटीबीपी के जांबाज

साल दर साल बढ़ती घटनाओं पर जंगलात के साथ प्रशासन भी हलकान है। लपटों से निपटने को वन पंचायतों के साथ ही अब एनसीसी एसएसबी आइटीबीपी महिला मंगल दल व अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं को साथ लिया जाएगा। हरेक ब्लॉक में जनचेतना अभियान चलेंगे।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Tue, 16 Mar 2021 06:33 PM (IST) Updated:Tue, 16 Mar 2021 06:33 PM (IST)
वनाग्नि से लड़ेंगे एसएसबी व आइटीबीपी के जांबाज
वनाग्नि से वनस्पति प्रजातियां विलुप्ति की कगार पर पहुंच गई हैं। वन्य जीवों के लिए खतरा बढ़ गया है।

जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा : वनाग्नि की साल दर साल बढ़ती घटनाओं पर जंगलात के साथ प्रशासन भी हलकान है। लपटों से निपटने को वन पंचायतों के साथ ही अब एनसीसी, एसएसबी, आइटीबीपी, महिला मंगल दल व अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं को साथ लिया जाएगा। हरेक ब्लॉक में जनचेतना अभियान चलेंगे। वनों के साथ पर्यावरण बचाने के लिए प्रत्येक सरकारी कार्यालय व विद्यालयों में शपथ लेकर मिशन के रूप में जनचेतना का संचार किया जाएगा।

विकास भवन सभागार में मंगलवार को वनाग्नि सुरक्षा संबंधी बैठक में सीडीओ नवनीत पांडे ने कहा कि वन संपदा व पर्यावरण को बचाने के लिए वनाग्नि नियंत्रण को स्थानीय स्तर पर आंदोलन की जरूरत है। उन्होंने जनजागरूकता के साथ ही आग से निपटने को मिशन के रूप में काम करने पर जोर दिया। उन्होंने लोगों को वनाग्नि से होने वाली क्षति, दुष्परिणाम से रू ब रू करा रोकथाम के लिए प्रेरित करने तथा ईको क्लब में शामिल विद्यार्थियों को समय समय पर अभियान से जोडऩे को कहा।

उनका कहना था कि वनाग्नि से पहाड़ की कई मूल वनस्पति प्रजातियां विलुप्ति की कगार पर पहुंच गई हैं। वन्य जीवों के लिए खतरा बढ़ गया है। जंगल जलने से पेयजल स्रोत भी सूख रहे हैं। डीएफओ महातिम यादव ने वनाग्नि से निपटने को अब तक किए गए प्रबंधन के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि सभी विभागों के साथ आम लोगों से भी सहयोग लिया जा रहा है। वन पंचायतों व उससे जुड़े ग्रामीणों के बीच जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे। इस मौके पर एडीएम बीएल फिरमाल, डीएफओ सिविल सोयम आरसी कांडपाल, सीईओ एचबी चंद आदि मौजूद रहे।

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