नैनीताल के पर्वतीय गांवों में मटर के बाद अब धान व शिमला मिर्च की बुवाई प्रभावित

पहाड़ों के सुदूर गांवों में हालात बिगड़ते जा रहे हैं। इंद्रदेव के रुठने से मटर की बुवाई प्रभावित होने के बाद अब धान शिमला मिर्च आदि की बुवाई भी थम गई है। हालात यह है कि शिमला मिर्च के पौध पेटी में रोप बारिश का इंतजार किया जा रहा है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Thu, 04 Mar 2021 12:05 PM (IST) Updated:Thu, 04 Mar 2021 12:05 PM (IST)
नैनीताल के पर्वतीय गांवों में मटर के बाद अब धान व शिमला मिर्च की बुवाई प्रभावित
नैनीताल के पर्वतीय गांवों में मटर के बाद अब धान व शिमला मिर्च की बुवाई प्रभावित

गरमपानी, संवाद सहयोगी : पहाड़ों के सुदूर गांवों में धरतीपुत्रों के हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। इंद्रदेव के रुठने से मटर की बुवाई प्रभावित होने के बाद अब धान, शिमला मिर्च आदि की बुवाई भी थम गई है। हालात यह है कि शिमला मिर्च के पौध पेटी में रोप बारिश का इंतजार किया जा रहा है। बुवाई के इंतजार में सूख चुके खेत धरतीपुत्रों की दुर्दशा बयां कर रहे हैं।

कोरोना संक्रमण से बचाव को बीते वर्ष लॉकडाउन के बाद से ही किसानों का समय ठीक नहीं चल रहा है। उपज के खेतो में ही बर्बाद होने के बाद सब कुछ ठीक होने की उम्मीद लेकर किसानो ने खेतों को रुख किया। हाड़तोड़ मेहनत कर खेत तैयार किए पर ठीक समय पर इंद्रदेव ने ही मुंह मोड़ लिया। बारिश ना होने से बेतालघाट ब्लॉक के बजेडी़ समेत तमाम गांवों में मटर की बुवाई प्रभावित हो गई। बजेड़ी गांव में तो किसानों को मटर खुद के खाने तक के लाले पड़ गए।

मटर की बुवाई प्रभावित होने के बाद अब धान, शिमला मिर्च की बुवाई बारिश ना होने से थम गई है। धरतीपुत्र निराश है। हालात इस कदर बिगड़ चुके हैं कि अब खेतों में खुद के खाने के लिए भी उपज नहीं हो रही। गांव कभी शिमला मिर्च की बंपर पैदावार के लिए विख्यात था पर इस बार शिमला मिर्च की बुवाई रुकी हुई है। आलम यह है कि किसानों ने थर्माकोल के डब्बो में पौध तैयार किए हैं। बारिश के इंतजार में किसान आसमान की ओर टकटकी लगाए देख रहे हैं। बारिश हो तो पौधों की खेतो में रोपाई हो सके और किसानों की आर्थिक स्थिति सुधर सके पर इंद्रदेव रुठे हुए हैं।

कभी बंपर पैदावार करने वाले खेत आज सूखे पड़े हैं। गांव की करीब सौ से ज्यादा कास्तकार तीन सौ हेक्टेयर से ज्यादा कृषि भूमि पर कृषि कार्य करते हैं। किसान बताते है कि कभी इस वक्त  मटर के ढेर के ढेर गांव में दिखाई देते थे पर सब कुछ चौपट हो चुका है। हालात बिगड़ते जा रहे हैं। नंदन सिंह, राजेंद्र सिंह कार्की, तेज सिंह, हरदयाल सिंह, धन सिंह, श्याम सिंह, वीरेंद्र सिंह, महेंद्र सिंह आदि लोगों ने किसानों को मुआवजा दिए जाने की मांग उठाई है।

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