डेढ़ साल के बच्चे को छोड़ थाने व राजस्व क्षेत्र के मामले संभाल रही सोनू बाफिला
कोविड काल में कानून व्यवस्था बनाए रखने के साथ ही पुलिस ने जरूरतमंदों तक मदद भी पहुंचाई। कुछ पुलिसकर्मी ने तो सेवा की मिसाल कायम की। मल्लीताल कोतवाली की एसआइ सोनू बाफिला भी इनमें से एक है। बीते एक साल से कोविड की रोकथाम को लेकर शिद्दत से जुटी हैं।
नैनीताल, जागरण संवाददाता : कोविड काल में कानून व्यवस्था बनाए रखने के साथ ही पुलिस ने जरूरतमंदों तक मदद भी पहुंचाई। कुछ पुलिसकर्मी ने तो सेवा की मिसाल कायम की। मल्लीताल कोतवाली की एसआइ सोनू बाफिला भी इनमें से एक है। बीते एक साल से कोविड की रोकथाम को लेकर शिद्दत से जुटी हैं। कोरोनाकाल में सेवा के दौरान संक्रमित हो गईं। रिकवर होने के बाद फिर से सेवा में जुट गईं।
सोनू के पति भी पुलिस विभाग में हैं। पति के शहर से बाहर होने से उनके सामने डेढ़ साल के बेटे की देखरेख और ड्यूटी करना बड़ी चुनौती है। सोनू बताती हैं कि सुबह पांच बजे उठने के बाद से ही उनकी दिनचर्या शुरू हो जाती है। कोरोना काल में घरेलू काम और बच्चे के लिए भोजन की व्यवस्था करने के बाद नौ बजे ड्यूटी पर जाती थीं। पति के ड्यूटी पर बाहर होने की वजह से आया उनके बेटे की देखरेख करती थीं। दिनभर कोतवाली के काम में उलझे रहने के बाद रात सात बजे से पहले वह घर नहीं पहुंच पाई। घर आने के बाद फिर घरेलू काम में लग जाती हैं। इस बीच रात को कोई महिला अपराध से जुड़ा मामला आने पर दोबारा ड्यूटी पर जाना पड़ता।
कोविड ड्यूटी में तैनात सोनू के पति बीते वर्ष संक्रमित हो गए थे। जांच में वह भी संक्रमित पाई गई। इस दौरान उनका बेटा करीब दस माह का था, जिसे उनके साथ ही आइसोलेट किया गया। सोनू की रिपोर्ट निगेटिव आई तो वह फिर से कोरोना योद्धा के तौर पर मैदान पर डट गईं। इस समय तल्लीताल थाने और कोतवाली में तैनात अधिकांश पुलिसकर्मी कुंभ ड्यूटी में गए हुए हैं। ऐसे में शहर के दोनों थानों में सोनू बाफिला ही एकमात्र एसआइ हंै। जिस कारण महिला संबंधी शिकायत आने पर उन्हें दोनों थानों की जिम्मेदारी संभालनी पड़ रही है। इसके अलावा डीजीपी के निर्देशों के बाद राजस्व क्षेत्रों के महिला अपराध से जुड़े मामले भी देखने होते हैं।
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