हाथी दांत के साथ एसओजी के हत्थे चढ़ा तस्कर

वन विभाग की एसओजी व रेंज टीम ने काश्तकार को हाथी दांत के साथ गिरफ्तार किया है। टीम उससे पूछताछ में जुटी है। बरामद माल की कीमत लाखों में है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sat, 23 Feb 2019 10:39 AM (IST) Updated:Sat, 23 Feb 2019 10:39 AM (IST)
हाथी दांत के साथ एसओजी के हत्थे चढ़ा तस्कर
हाथी दांत के साथ एसओजी के हत्थे चढ़ा तस्कर

हल्द्वानी, जेएनएन : वन विभाग की एसओजी व रेंज टीम ने काश्तकार को हाथी दांत के साथ गिरफ्तार किया है। टीम उससे पूछताछ में जुटी है। बरामद माल की कीमत लाखों में है। बरहैनी रेंजर व एसओजी इंचार्ज रूप नारायण गौतम के नेतृत्व में टीम शुक्रवार को गश्त कर रही थी। इस बीच मुखबिर ने एक तस्कर के बाजपुर की ओर जाने की सूचना दी, जिसके बाद गड़प्पू रोड पर घेराबंदी कर मोटेश्वर महादेव साइन बोर्ड के पास से ग्राम हरिपुर चकलुवा थाना कालाढूंगी निवासी भजन सिंह पुत्र गुरुदास सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया। उसके पास मिले प्लास्टिक के बड़े थैले को चेक करने पर भीतर से हाथी के दो दांत बरामद हुए। आरोपित को रेंज ऑफिस लाया गया, जहां डीएफओ कल्याणी नेगी ने घंटों तस्कर से पूछताछ कर असल तस्कर का पता लगाने का प्रयास किया। सूत्रों की माने तो कुछ अन्य तस्करों के बारे में खास जानकारियां मिली हैं। पकडऩे वाली टीम में वन दारोगा कैलाश तिवारी, गोपाल कपिल, अशोक टम्टा, एलएस जीना, बीडी बडोला, वन रक्षक डीडी मेलकानी, जेपी यादव शामिल रहे।

करंट से हाथी को मारने की आशंका

सूत्रों की माने तो हाथी की मौत करंट लगने से हो सकती है, जिसके बाद तस्करों ने उसके दांत बाहर निकाल लिए। वन विभाग अब तस्कर के बयानों की तस्दीक के लिए अन्य जगहों पर भी दबिश दे सकती है। हालांकि गिरफ्तार आरोपित पूछताछ के दौरान बार-बार बयान बदल रहा था।

छह से सात साल का नर हाथी

वन विभाग के मुताबिक दांत देखकर अंदाजा लगाया गया है कि मृत नर हाथी की उम्र करीब छह-सात साल होगी। सभी नर हाथियों के दांत होते हैं। जबकि मादा के दांत (टस्क) बाहर नहीं होते।

आभूषण में इस्तेमाल होता दांत

हाथी दांत की तस्करी की बड़ी वजह इसका आभूषण में इस्तेमाल होना है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी काफी डिमांड है। इस वजह से लगातार हाथियों की मौतें हो रही हैं। वहीं कई दवाइयों में भी इसका इस्तेमाल होता है।

लालच में काश्तकार बन गया तस्कर

वन विभाग के मुताबिक पकड़ा गया भजन सिंह काश्तकार है। उसकी ढाई-तीन बीघा जमीन भी है। जल्द पैसा कमाने के चक्कर में वह तस्करी में शामिल हुआ। पूर्व में उसका अपराधिक रिकॉर्ड फिलहाल नहीं मिला है।

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