हल्द्वानी में बाल विवाह रोकने पहुंची टीम से उलझे स्वजन, सख्ती बरतने पर माने

हल्द्वानी में बरात आने से पहले ही सोमवार को बाल कल्याण समिति और बाल आश्रय गृह की पहल से बाल विवाह होने से रुक गया। किशोरी की मां व अन्य ने बाल विवाह नहीं करने को लेकर लिखित सहमत प्रदान की। इसके बाद ही मौके पर गई टीम वापस लौटी।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 10:42 AM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 10:42 AM (IST)
हल्द्वानी में बाल विवाह रोकने पहुंची टीम से उलझे स्वजन, सख्ती बरतने पर माने
हल्द्वानी में बाल विवाह रोकने पहुंची टीम से उलझे स्वजन, सख्ती बरतने पर माने

हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : हल्द्वानी में बरात आने से पहले ही सोमवार को बाल कल्याण समिति और बाल आश्रय गृह की पहल से बाल विवाह होने से रुक गया। किशोरी की मां व अन्य ने बाल विवाह नहीं करने को लेकर लिखित सहमत प्रदान की। इसके बाद ही मौके पर गई टीम वापस लौटी।

हल्द्वानी कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत सोमवार को रामपुर से आने वाली बरात का इंतजार किया जाना था बताया जा रहा है कि मजदूर दंपत्ति ने सिर्फ 15 साल की उम्र में ही बेटी का रिश्ता रामपुर जिले में तय कर दिया था। लड़का भी नाबालिग है। सोमवार 17 मई को मेहमान घर पर जुटे हुए थे।

बरातियों के खाने आदि का इंतजाम किया जा रहा था घर पर मेहमान व महिलाएं एकत्रित थी। इसी दौरान बाल कल्याण समिति सदस्य शेखर संगीता राव व बाल आश्रय गृह के समन्वयक रविंद्र रौतेला मौके पर पहुंचे तो स्वजनों के चेहरे का रंग उतर गया। दोनों ने बाल विवाह को गैरकानूनी बताते हुए शादी रोकने की बात की तो स्थानीय लोग बिफर पड़े।

घर के सदस्यों, रिश्तेदारों व पड़ोसियों ने विरोध करना शुरू कर दिया। घर के सदस्यों का कहना था कि बहुत मुश्किल से अच्छा रिश्ता तय हुआ है। ऐसे में शादी में किसी भी तरह की दखलअंदाजी ना करें। गरीब की लड़की की शादी चुपचाप हो जाने दें। बाल कल्याण समिति सदस्य शेखर संगीता राव ने कानून का पाठ पढ़ाया और पुलिस का भय दिखाया तो वह बहुत मुश्किल से मानने के लिए तैयार हुए।

दोनों सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उन्हें बताया कि बेटी की शादी 18 वर्ष से पहले करना गैरकानूनी है। यदि उन्होंने नियमों का उल्लंघन किया तो जेल भी जाना पड़ सकता है। शादी 18 साल तक नहीं करने की लिखित सहमत लेने के बाद वह वापस लौटे। बाल विवाह का यह मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।

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