कालाढूंगी में पुलिस और वन कर्मियों को देखकर खैर की लकड़ियों से भरी कार छोड़ भागे तस्कर

कालाढूंगी में बन्नाखेड़ा रेंज में गुरुवार रात वनकर्मी व पुलिस नेखैर के गिल्टंों से लदी कार पकड़ी। अलबत्ता तस्कर हाथ नहीं लगे।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 27 Nov 2020 11:41 PM (IST) Updated:Fri, 27 Nov 2020 11:41 PM (IST)
कालाढूंगी में पुलिस और वन कर्मियों को देखकर खैर की लकड़ियों से भरी कार छोड़ भागे तस्कर
कालाढूंगी में पुलिस और वन कर्मियों को देखकर खैर की लकड़ियों से भरी कार छोड़ भागे तस्कर

संस, कालाढूंगी : बन्नाखेड़ा रेंज में गुरुवार रात वनकर्मी व पुलिस ने गश्त के दौरान खैर के गिल्टों से लदी कार पकड़ी। इस दौरान तस्कर भाग निकले।

वन क्षेत्राधिकारी एनएस मर्तोलिया ने बताया कि गुरुवार रात वनकर्मी व बन्नाखेड़ा चौकी इंचार्ज अनिल जोशी पुलिस स्टाफ के साथ गश्त पर थे। रैटा गांव में एक कार को रुकने का इशारा किया तो चालक ने रफ्तार बढ़ा दी। टीम ने पीछा किया मगर तस्कर कार छोड़ अंधेरा का फायदा उठाकर भाग निकले। मर्ताेलिया ने बताया कि वाहन को मय माल के कार्यालय लाकर सील कर दिया है। तस्कर के खिलाफ वन अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। पकड़ी गई खैर की कीमत 80000 हजार रुपये आंकी गई है। टीम में चौकी इंचार्ज अनिल जोशी, वन दारोगा सतेन्द्र कुमार चौहान, धमेन्द्र मेहरा, सुरेश परगाई मौजूद रहे। गौरतलब है कि इस रेंज में लकड़ियों की तस्करी बढ़ती जा रही है। इससे पहले भी कई बार वन कर्मियों ने लकड़ी तस्करी के मामले पकड़े हैं। रात के अंधेरे में तस्कर सक्रिय हो जाते हैं। तस्करी की सूचना मिलने पर वन विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचते हैं लेकिन कई बार तस्कर इससे पहले ही चकमा देकर भाग निकलते हैं। लोगों की मानें तो विभागीय कर्मचारियों की मिलीभगत के बिना जंगल से बेशकीमती लकड़ियों का इस कदर कटान नहीं हो सकता। कई बार वन कर्मियों पर तस्करों से सांठगांठ करने के आरोप लगते हैं मगर कोई पुख्ता सबूत नहीं होने से मामला रफा-दफा हो जाता है। लकड़ियों का कटान कर तस्कर चांदी काट रहे हैं। तस्करी कार, यहां तक कि दोपहिया वाहनों से भी की जाने लगी है।

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