बहेड़ी और बरेली के तस्कर युवा पीढ़ी की नशों में उतार रहे स्मैक, दिनों दिन बढ़ रही खपत
पहले पहाड़ से मैदान की ओर चरस तस्करी को नशे का सबसे बड़ा अवैध कारोबार माना जाता था। मगर अब बहेड़ी और बरेली के तस्कर युवा पीढ़ी की नशों में स्मैक उतार रहे हैं। स्मैक का लती होकर युवा अपना बर्बाद करने संग जिंदगी से भी खिलवाड़ कर रहा है।
हल्द्वानी, जेएनएन : पहले पहाड़ से मैदान की ओर चरस तस्करी को नशे का सबसे बड़ा अवैध कारोबार माना जाता था। मगर अब बहेड़ी और बरेली के तस्कर युवा पीढ़ी की नशों में स्मैक उतार रहे हैं। स्मैक का लती होकर युवा अपना भविष्य बर्बाद करने के साथ जिंदगी से भी खिलवाड़ कर रहा है। आंकड़े बताते हैं कि जनवरी से अक्टूबर तक यानी दस माह ने चरस के मुकाबले स्मैक का धंधा करीब सात गुना बढ़ चुका है। कॉलेज स्टूडेंट के अलावा स्कूल में पड़ने वाले नाबालिग तक इसकी चपेट में आ चुके है।
पुलिस आंकड़ों के मुताबिक नैनीताल जिले में जनवरी से अक्टूबर तक एक किलो 66 ग्राम स्मैक पकड़ी जा चुकी है। बनभूलपुरा थाने द्वारा सबसे ज्यादा केस दर्ज कर तस्कर पकड़े गए। वहीं आबकारी एक्ट के तहत 692 मुकदमें दर्ज हुए। नैनीताल जिले में बिलासपुर, किच्छा और बहेड़ी एरिया से सबसे ज्यादा तस्करी होती है। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि बॉर्डर और उधमसिंह नगर से नशा कैसे हल्द्वानी और फिर पहाड़ तक भेजा जा रहा है।
वहीं, 2-4 ग्राम में गिरफ्तार होने तस्कर जेल से जमानत पर आने के बाद फिर इस अवैध धंधे पर जुट रहे हैं। ऐसे पुलिस के समक्ष स्मैक के इस कारोबार को खत्म करने और बड़े तस्करों पर कार्रवाई की जिम्मेदारी अभी खत्म नहीं हुई। वहीं, महिलाएं तक कमीशन के आधार पर नशा मुहैया करवाने का काम कर रही है। अब तक चार महिलाओं को तस्करी के आरोप में पकड़ा जा चुका है।
नैनीताल जिले के आंकड़े
नशा मुकदमें आरोपित संख्या
चरस 20 22
स्मैक 131 159
अफीम एक एक
गांजा 11 15
गोलियां एक एक
इंजेक्शन तीन तीन