पिथौरागढ़ जिले में एक सप्ताह के भीतर दो हादसों में छह की मौत

पिथौरागढ़ जिले में एक सप्ताह के भीतर दूसरी वाहन दुर्घटना हो गई है। दोनों दुर्घटनाओं में छह युवाओं की मौत हो चुकी है। दोनों दुर्घटनाओं का कारण लगभग एक जैसा व ही प्रतीत हो रहा है। दोनों वाहन रात भर चल कर सुबह पिथौरागढ़ और बेरीनाग पहुंचने वाले थे।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Fri, 19 Nov 2021 05:15 PM (IST) Updated:Fri, 19 Nov 2021 05:15 PM (IST)
पिथौरागढ़ जिले में एक सप्ताह के भीतर दो हादसों में छह की मौत
पिथौरागढ़ जिले में एक सप्ताह के भीतर दो हादसों में छह की मौत

जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़ : पिथौरागढ़ जिले में एक सप्ताह के भीतर दूसरी वाहन दुर्घटना हो गई है। दोनों दुर्घटनाओं में छह युवाओं की मौत हो चुकी है। दोनों दुर्घटनाओं का कारण लगभग एक जैसा व ही प्रतीत हो रहा है। दोनों वाहन रात भर चल कर सुबह पिथौरागढ़ और बेरीनाग पहुंचने वाले थे। रात भर के कठिन सफर से चालक को आई एक हल्की झपकी सवारियों की जिंदगी में भारी पड़ रही है।

बीते सोमवार को एनएच में गुरना मंदिर के पास एक जीप खाई में गिर गई। जीप किस समय खाई में गिरी इसका तक पता नहीं चला। जबकि यह दुर्घटना आलवेदर सड़क में हुई थी। सड़क अब काफी चौड़ी है ऐसे में वाहन का खाई में गिरना केवल इस बात का संकेत करता है कि मध्य रात्रि के आसपास हल्द्वानी से चलने वाले वाहनों के चालकों को झपकी आने के कारण दुर्घटना हो रही है। इस दुर्घटना में तीन युवकों की मौत हो गई। जिसमें दो युवा व्यापारी थे।

इस घटना के ठीक छह दिन बाद शनिवार की सुबह अल्मोड़ा-बेरीनाग -थल मार्ग पर ठीक इसी तर्ज पर बोलेरो जीप खाई में गिर गई। जिसमें तीन महिलाओं की मौत हो गई। चालक सहित तीन गंभीर रूप से घायल हैं। बीते कुछ वर्षों से हल्द्वानी और टनकपुर से रात को सवारी लेकर छोटे वाहनों का पिथौरागढ़ चलना आम हो चुका है।

कुछ वर्षों पूर्व तक पर्वतीय मार्ग पर रात्रि नौ बजे बाद वाहनों के संचालन में प्रतिबंध था। सुबह भी समाचार पत्र के वाहनों को छोड़कर अन्य वाहनों के संचालन में प्रतिबंध था। इधर अब रात्रि को हल्द्वानी और टनकपुर से बेधड़क रात्रि को वाहन चल रहे हैं। रात्रि को लंबा सफर कर पिथौरागढ़ जिले में प्रवेश करने वाले वाहनों के चालक थक जाते हैं और झपकी आना स्वाभाविक है। इधर जान जा रही है, परंतु तीन जिलों के पुलिस बैरियर से मध्य रात्रि के बाद भी वाहन गुजर रहे हैं।

अब पाला बनेगा दुर्घटनाओं का कारण

अभी तक तो चालक की झपकी दुर्घटना का कारण बन रहा था और अब आने वाले दिनों में पाला परेशानी का कारण बनेगा। फिलहाल अभी तक पर्वतीय क्षेत्र में पाला काफी कम गिर रहा है, लेकिन आने वाले 10-15 दिनों में व्यापक रू प से पाला गिरने लगेगा। पाला वाहनों के टायरों के लिए सबसे बड़ा खतरा रहता है और दुर्घटनाएं बढ़ जाती है। सड़क विभागों के पास पाले से निजात पाने के लिए केवल पाला क्षेत्र के बोर्ड लगाने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं हैं। पाले से बचाव के लिए पाला क्षेत्र में चूना डाला जाता है। विभागों के लिए इसके लिए बजट नहीं होता है।

मृतक तीन महिलाएं एक ही परिवार से

दुर्घटना में मृतक रश्मि चंद, गीता चंद और प्रीति चंद एक ही परिवार से संबंधित हैं। रश्मि चंद और गीता चंद जहां देवरानी-जेठानी हैं वही मृतका प्रीति चंद रश्मि चंद की बहन है। दोनों की शादी विगत फरवरी माह में हुई थी। अभी शादी के एक साल भी पूरा नहीं हुआ है और दोनों नवविवाहिता मौत के आगोश में चली गई हैं। रश्मि का पति बृजेश चंद भारतीय सेना में तैनात है जो इस वाहन दुर्घटना में घायल हुआ है। घटना के बाद लेजम कौली और उनके मायके बड़ालू में कोहराम मचा हुआ है। गीता का पति हरीश चंद बाहर बी टेक की पढ़ाई कर रहा है। तीनों मृतका हल्द्वानी में परीक्षा देने गई थी। साथ में रश्मि चंद का पति बृजेश चंद गया था। जो घायल है। वह भारतीय सेना का जवान है।

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