Guru Parv 2021 : पंजाब के बड़े सिख नेता मास्टर तारा सिंह ने रखी नैनीताल गुरुद्वारा की आधारशिला

Guru Parv सरोवर नगरी सर्वधर्म समभाव व सामाजिक व सांप्रदायिक सद्भाव की प्रतीक है। यहां झील किनारे प्रसिद्ध नैना देवी मंदिर के समीप ही गुरुद्वारा स्थित है तो ठीक सामने मस्जिद। दूसरे छोर माल रोड पर मेथोडिस्ट चर्च है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Fri, 19 Nov 2021 01:49 PM (IST) Updated:Fri, 19 Nov 2021 01:49 PM (IST)
Guru Parv 2021 : पंजाब के बड़े सिख नेता मास्टर तारा सिंह ने रखी नैनीताल गुरुद्वारा की आधारशिला
Guru Parv 2021 : पंजाब के बड़े सिख नेता मास्टर तारा सिंह ने रखी नैनीताल गुरुद्वारा की आधारशिला

नैनीताल, जागरण संवाददाता : Guru Parv 2021 : सरोवर नगरी सर्वधर्म समभाव व सामाजिक व सांप्रदायिक सद्भाव की प्रतीक है। यहां झील किनारे प्रसिद्ध नैना देवी मंदिर के समीप ही गुरुद्वारा स्थित है तो ठीक सामने मस्जिद। दूसरे छोर माल रोड पर मेथोडिस्ट चर्च है। नैनीताल में भले सिख धर्म के अनुयायियों की संख्या कम हो लेकिन उनके धार्मिक कार्यक्रमों में हिन्दू समेत अन्‍य धर्मों के लोग बढ़चढ़ कर भागीदारी करते हैं। शुक्रवार को नैनीताल में गुरुनानक जयंती पर्व गुरुद्वारा में मनाया जा रहा है। झील किनारे स्थापित गुरुद्वारा बरबस ही पर्यटकों व लोगों को आकर्षित करता है। गुरुद्वारे की आधारशिला पंजाब के बड़े सिख नेता मास्टर तारा सिंह ने रखी थी।

मास्टर तारा सिंह ने रखी गुरुद्वारा की आधारशिला

सरोवर नगरी में गुरुद्वारा स्थापना का रोचक इतिहास है। इतिहासकार प्रो अजय रावत के अनुसार 1898 से 1900 तक स्थानीय नाम ग्वालिखेत में वर्तमान राजभवन का निर्माण किया गया। इस निर्माण कार्य में पंजाब से रामगढ़िया सिख यहां मिस्त्री व बढई के रूप में आए थे। वह आध्यात्मिक विचारों से प्रेरित थे। तब उन्होंने राजभवन में वर्तमान गेट के पास गुरुद्वारा की स्थापना की। यहीं नैनीताल का पहला गुरुद्वारा स्थपित हुआ।

सिख सैनिकों ने मल्लीताल बाजार में स्‍थापित किया

प्रो रावत के अनुसार 1923 में यहां ईस्टर्न कमांड का हेडक्वार्टर था तो उसमें पांच सिख सैनिकों ने महसूस किया कि राजभवन क्षेत्र में जंगली जानवरों की वजह से भक्तों को परेशानी होती है। 1923 में तब उन्होंने गुरुद्वारा को तल्लीताल में जयभवन नामक इमारत में स्थापित किया। इसके बाद पुनः गुरुद्वारा को 1935 में मल्लीताल बाजार में स्थापित किया गया। जहां वर्तमान नैनी स्वीट हाउस है, उसके समीप बनाया गया। इसके बाद मई 1947 में नगरपालिका द्वारा गुरुद्वारा के लिए भूमि आवंटित की गई। जहां वर्तमान गुरुद्वारा स्थित है। इस गुरुद्वारे की आधारशिला पंजाब के बड़े सिख नेता मास्टर तारा सिंह ने रखी थी। गुरु सिंह सभा के सचिव अमरप्रीत सिंह नोनू के अनुसार गुरुनानक जयंती पर गुरुद्वारा में भव्य कार्यक्रम होंगे।

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