कुर्सी को डोली बना 13 किमी पैदल चलकर बीमार को पहुंचाया अस्पताल

ाीमताल में लिंगरानी के ग्रामीणों ने मोटर मार्ग नहीं होने पर बीमार को मीलों पैदल चलकर अस्पताल पहुंचाया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 27 Sep 2020 10:57 AM (IST) Updated:Sun, 27 Sep 2020 10:57 AM (IST)
कुर्सी को डोली बना 13 किमी पैदल चलकर बीमार को पहुंचाया अस्पताल
कुर्सी को डोली बना 13 किमी पैदल चलकर बीमार को पहुंचाया अस्पताल

संस, भीमताल : पहाड़ के कई इलाके आज भी सड़क संपर्क से अछूते हैं। मूलभूत सुविधाओं के अभाव में भी ग्रामीण अपनी पैतृक भूमि से जुड़े हुए हैं। दिक्कत तब बढ़ जाती है, जब किसी बीमार को समय से अस्पताल पहुंचाना हो। मीलों पैदल चलकर मरीज को सड़क तक लाने के बाद उसे अस्पताल पहुंचाने में नाको चने चबाने पड़ते हैं। दूसरी ओर, बार-बार की गुहार के बावजूद शासन-प्रशासन की उपेक्षा से गांव में नई पीढ़ी पलायन को बाध्य होने लगती है। ऐसे ही हालातों से जूझ रहा है विकासखंड ओखलकांडा। लिंगरानी मोटर मार्ग नहीं बनने से ग्रामीणों को मीलों पैदल चलना पड़ता है।

ग्रामसभा कूकना के तोक लिंगरानी निवासी डुंगर सिंह को तीन दिन से तेज बुखार था। हालत नहीं सुधरी तो ग्रामीण डुंगर को कुर्सी की डोली में बैठाकर 13 किमी पैदल देवली मोटर मार्ग तक लाए। वहां से निजी वाहन से हल्द्वानी के एसटीएच ले जाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है।

गांव के पान सिंह नौलिया, भगवान सिंह देवपा, दीवान सिंह, गणेश सिंह, राम सिंह, राजेन्द्र सिंह आदि ने लिंगरानी में मोटर मार्ग नहीं होने पर रोष जताया। ग्रामीणों के मुताबिक प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क विभाग द्वारा जो मोटर मार्ग बनाया जा रहा है, उसको जंगल में छोड़ने की योजना है। जिसका ग्रामीण विरोध कर रहे है। वहीं ग्राम सभा कूकना के पूर्व प्रधान मदन नौलिया ने बताया कि मरीजों को कुर्सी की डोली बनाकर स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचाया जा रहा है। जनप्रतिनिधि भी समस्या के समाधान को गंभीर नहीं हैं। वर्ष 2016 और 2017 में कूकना गांव के लिए स्वास्थ्य केन्द्र स्वीकृत किया गया था। सरकार ने इस योजना को भी ठंडे बस्ते में डाल दिया है। लगभग 40 किमी के दायरे में स्वास्थ्य केन्द्र नहीं होने के कारण लोंगों को मामूली बीमारी पर भी मरीज को डोली से ले जाना पड़ता है।

chat bot
आपका साथी