खाकी की गुंडागर्दी, होटल में रुके पत्रकार से ही हाथापायी, दारोगा सस्पेंड nainital news
खाकी वर्दी पहनकर पुलिसकर्मी बेलगाम होकर कानून का दुरुपयोग कर रहे हैं। शहर के होटल में ठहरे मीडियाकर्मी से दारोगा ने बच्चों के सामने हाथापायी कर दी।
हल्द्वानी, जेएनएन : खाकी वर्दी पहनकर पुलिसकर्मी बेलगाम होकर कानून का दुरुपयोग कर रहे हैं। शहर के होटल में ठहरे मीडियाकर्मी से दारोगा ने बच्चों के सामने हाथापायी कर दी। दारोगा की अकड़ यहां भी नहीं रुकी। पत्रकार को हिरासत में लेकर वह थाने ले आया और मुकदमे में फंसाने की धमकी देने लगा। इससे भड़के पत्रकारों ने दारोगा के निलंबन की मांग को लेकर कोतवाली में धरना शुरू कर दिया। एसएसपी के निलंबन का लिखित आदेश दिखाने पर धरना समाप्त किया गया।
बेटी-बेटे के साथ होटल में रुके थे पत्रकार
बेरीनाग निवासी दैनिक समाचार पत्र के पत्रकार सुधीर राठौर बीते शनिवार को कालाढूंगी चौराहे के समीप स्थित शारदा होटल में कमरा लेकर अपनी बेटी व बेटे के साथ रुके थे। रात करीब 11 बजे कुछ पुलिसकर्मी कमरा बुक कराने के लिए होटल में पहुंचे। होटल प्रबंधन के एक कमरे में सुधीर के रुकने की जानकारी देने पर हीरानगर चौकी के दारोगा विजय पाल ने फोन कर उन्हें रिसेप्शन पर बुलाने के लिए कहा। पत्रकार के बुलाने का कारण पूछने पर भड़का विजय पाल हाथापायी पर उतारू हो गया। उनको जबरन पुलिस वाहन में बैठाकर कोतवाली लाया गया। कोतवाली में भी पत्रकार से हाथापायी की गई। सुधीर से हाथापायी का पता लगने पर देर रात शहर के पत्रकार कोतवाली पहुंचे तो घंटों बाद सुपुर्दगी दी गई।
निलंबन न होने से भड़के पत्रकार
वहीं, रविवार को पत्रकारों ने डीआइजी व एसपी सिटी से मिलकर आरोपित विजय पाल को निलंबित कर मुकदमा दर्ज करने की मांग की। कोतवाली पुलिस ने धारा 323 में मुकदमा दर्ज किया, पर निलंबन नहीं हुआ। इसका पता लगने पर सोमवार को पत्रकार भड़क गए और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी कर कोतवाली में धरना शुरू कर दिया। ढाई घंटे तक पत्रकार धरने पर डटे रहे तो अफसर दबाव में आए और एसएसपी ने विजय पाल के निलंबन के आदेश जारी किए। एसएसआइ की ओर से एसएसपी के आदेश की कॉपी दिखाने व पढ़कर सुनाने पर पत्रकार शांत हुए और धरना-प्रदर्शन समाप्त किया गया।
दो दिन तक दारोगा को बचाते रहे अफसर
पुलिसकर्मी खुलेआम गुंडगर्दी कर रहे हैं और अफसर कारस्तानियों को नजरअंदाज कर रहे हैं। बेरीनाग से आए पत्रकार सुधीर से हाथापायी का मामला शनिवार रात ही अफसरों तक पहुंच गया। वहीं, अफसरों के कानों में जू तक नहीं रेंगी। रविवार को डीआइजी व एसपी सिटी से पत्रकार मिले तो निलंबन का आश्वासन देकर टरकाने की कोशिश की गई। दारोगा विजय पाल को पुलिस लाइन भेजकर पत्रकारों को गुमराह करने की कोशिश हुई। वहीं, जब सोमवार को पत्रकार कोतवाली में धरने पर बैठे तो अफसर दबाव में आने लगे। ढाई घंटे बाद एसएसपी को विजय पाल का निलंबन आदेश जारी करना पड़ा।
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