गाय के गोबर से श्याम और नरेंद्र धूपबत्ती, ईंट का कर रहे हैं रोजगार, सराहनीय है प्रयास

ऊधमसिंहनगर जिले के खटीमा निवासी श्याम सिंह परगांई और नरेंद्र मेहरा गाय के गोबर से धूपबत्ती और ईंट बनाने का काम कर रहे हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sun, 20 Sep 2020 11:09 AM (IST) Updated:Sun, 20 Sep 2020 11:09 AM (IST)
गाय के गोबर से श्याम और नरेंद्र धूपबत्ती, ईंट का कर रहे हैं रोजगार, सराहनीय है प्रयास
गाय के गोबर से श्याम और नरेंद्र धूपबत्ती, ईंट का कर रहे हैं रोजगार, सराहनीय है प्रयास

खटीमा, जेएनएन : कहते हैं अगर मेहनत सही दिशा में की जाए तो मिट्टी भी सोना बन जाती है। जिसे लोग गोबर कहकर कचरा समझते हैं, उसी गाय के गोबर से रोजगार की राह निकाल रहे हैं ऊधमसिंहनगर जिले के खटीमा निवासी श्याम सिंह परगांई और नरेंद्र मेहरा। आत्मनिर्भर बनने की सोच रखने वाले दो युवकों ने आय का ऐसा जरिया खोज निकाला जो क्षेत्र में चर्चा का विषय बना है।

काम करते समय अगर किसी व्यक्ति से कोई गलती हो जाए तो कहते हैं कि आपने गुड़ गोबर कर दिया, लेकिन गोबर को गुड़ यानी उपयोगी बनाने का हुनर इन युवकों ने यू-ट्यूब से सीखा और सफलता की इबारत लिखना शुरू कर दी। दोनों ने प्रयोग के तौर पर पहले गोबर से हवन की लकड़ी, कंडे़, चूल्हा, धूपबत्ती, मच्छर भगाने को अगरबत्ती और सांचे के जरिए मूर्ति बनाने का काम शुरू कर दिया। पूजा सामग्री में प्रयोग होने वाले उत्पाद लोग हाथों हाथ ले रहे हैं।

पर्यावरण का भी संदेश

गाय के गोबर से तैयार होने वाले इन उत्पादों के जरिए श्याम सिंह परगांई व नरेंद्र मेहरा पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश दे रहे हैं। इन्होंने छिनकी गांव में गोबर से उत्पाद तैयार करने के लिए 2019 में काम की शुरुआत की। बताया कि शुरुआती दिनों में कई मुश्किलों का सामाना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। लोगों से मिल रहे सहयोग से अब वह अपने उद्योग को विस्तार देना चाहते हैं।

कई तरह के उत्पाद कर रहे तैयार

कुटरा गांव के श्याम सिंह परगांई ने बताया कि गोबर से हवन सामग्री की लकड़ी, कंडे, स्वास्तिक चिंह, चूल्हा, धूपबत्ती आदि सामग्री तैयार कर रहे हैं। डिमांड मिलने से उत्साह बढ रहा है। गोबर एकत्र करने में ग्रामीण सहयोग कीते हैं। उन्होंने इस काम का प्रशिक्षण इलाहाबाद में लिया था।

ये मिलाकर तैयार कर रहे उत्पाद

गोबर की ईंट तैयार की जा रही है। मच्छर अगरबत्ती बनाने के लिए नीम के पत्ते और गोबर, कंडे व हवन की लकड़ी में गोबर ही प्रयोग होता है। धूपबत्ती में गोबर, अश्वगंधा, हवन मशाला मिलाया जाता है।

chat bot
आपका साथी