सप्ताह में दो दिन 50 फीसद मानक के अनुसार खुलें दुकानें, व्यापारियों ने प्रशासन से की मांग

व्यापारियों नेताओं ने वर्चुअल बैठक कर कहा कि लॉकडाउन की बढ़ती स्थिति से मध्यम व छोटे कारोबारियों को बेहद मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। स्वास्थ्य के साथ-साथ उन्हें रोजी-रोटी चलाने के लिए कारोबार की भी चिंता सता रही है। लॉकडाउन कब तक रहेगा यह भी स्पष्ट नहीं है।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Mon, 10 May 2021 05:28 PM (IST) Updated:Mon, 10 May 2021 05:28 PM (IST)
सप्ताह में दो दिन 50 फीसद मानक के अनुसार खुलें दुकानें, व्यापारियों ने प्रशासन से की मांग
छोटे कारोबारियों को ध्यान रखकर सप्ताह में दो दिन दुकानें खोलने की अनुमति दी जाए।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : मटर गली व्यापारी एसोसिएशन ने मध्यम व छोटे कारोबारियों पर चिंता जताकर सप्ताह में दो दिन 50 फीसद मानक पर बाजार की दुकानें खोलने की अनुमति देने की मांग की है।

व्यापारियों नेताओं ने वर्चुअल बैठक कर कहा कि लॉकडाउन की बढ़ती स्थिति से मध्यम व छोटे कारोबारियों को बेहद मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। स्वास्थ्य के साथ-साथ उन्हें रोजी-रोटी चलाने के लिए कारोबार की भी चिंता सता रही है। लॉकडाउन कब तक रहेगा, यह भी स्पष्ट नहीं है। अगर प्रशासन अनुमति दे तो कोरोना गाइडलाइन का ख्याल रखकर ही व्यापारी अपना कारोबार करेंगे। व्यापारी नेताओं का कहना है कि छोटे कारोबारियों को ध्यान रखकर सप्ताह में दो दिन भिन्न प्रकार की 50 फीसद मानक के अनुसार दुकानें खोलने की अनुमति दी जाए।

साथ ही एक दिन दाईं और व एक दिन बाईं ओर की दुकानें खोलने पर विचार किया जाए। उनका कहना है कि छोटा व मध्यम कारोबारियों की स्थिति भेहद नाजुक दौर से गुजर रही है। कई परिवारों के घर चलाने का एक मात्र साधन दुकान ही है। लगातार कारोबार बंद रहने पर परिवार की आर्थिक स्थिति बिगड़ती जा रही है। उन्होंने  जिला प्रशासन उम्मीद जताई है कि रेडीमेड गारमेंट, इलेक्ट्रोनिक, जूता, कॉस्मेटिक, कपड़ा, कांच के बर्तन, स्टील के बरतन व अन्य प्रकार के कारोबार को हफ्ते में दो-दो दिन खोलने की अनुमति दी जाए।

बैठक में एसोसिएशन अध्यक्ष दलजीत सिंह दल्ली, महामंत्री पंकज गुप्ता, प्रेम चौधरी, मोइन बाबा, मनीष वर्मा, अतुल गुप्ता, लक्ष्मी नारायण, सौरभ सिंघल, विनोद अग्रवाल, आन सिंह परिहार, रोहित गौड़, जाकिर सिद्दीकी, डिकी नागपाल, मनोज साहू, महेंद्र सिंह आदि थे।

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