कोरोना के लक्षण पर भी दुकानदारी, सजा के तौर पर होम आइसोलेशन से हटाकर कोविड केयर सेंटर भेजा
संयुक्त मजिस्ट्रेट अपूर्वा पांडे ने बताया कि कोरोना से जंग जीतने के लिए सतर्कता व सावधानी के साथ जागरूक रहना होगा। खुद के साथ औरों की जिंदगी से खिलवाड़ कतई न करें। कोरोना जैसे लक्षण मिलने पर संबंधित व्यक्ति खुद को आइसोलेट कर ले।
जागरण संवाददाता, रानीखेत : कोरोना के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर दुकानों को खोलने व बंद रखने के मुद्दे पर व्यापारी जहां दो गुटों में बंटे पड़े हैं, वहीं कोरोना संक्रमण के लक्षण होने व सैंपलिंग कराने के बावजूद कुछ व्यापारियों के दुकान खोल कारोबार की गोपनीय शिकायतों पर प्रशासन ने कड़ा रुख अपना लिया है। मुख्य बाजार में ऐसे ही एक व्यापारी की दुकान बंद करा उसके खिलाफ महामारी एक्ट, आपदा प्रबंधन आदि धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। साथ ही सजा के तौर पर उसे होम से संस्थागत आइसोलेशन में भेज दिया गया है।
प्रशासन को शिकायत मिली थी कि मुख्य सदर बाजार में माहेश्वरी जनरल स्टोर के नाम से दुकान चलाने वाले व्यक्ति ने कोरोना जांच कराई थी। हालांकि रिपोर्ट नहीं पहुंची थी, लेकिन गाइडलाइन के अनुसार उसे खुद को होम आइसोलेट कर लेना था, मगर वह दुकान चलाता रहा। गोपनीय शिकायत को गंभीरता से लेते हुए संयुक्त मजिस्ट्रेट अपूर्वा पांडे ने तत्काल तहसीलदार विवेक राजौरी को मौके पर भेजा।
प्रशासनिक टीम ने दुकान बंद करा व्यापारी को सजा के तौर पर होम के बजाय सीधा संस्थागत रूप से कोविड केयर सेंटर में भर्ती करा दिया। इधर, प्रभारी कोतवाल फिरोज आलम के मुताबिक तहसीलदार की तहरीर पर आरोपित व्यापारी के खिलाफ अन्य लोगों की जान जोखिम मेें डालने के आरोप में महामारी एक्ट व आपदा प्रबंधन के तहत मुकदमा कायम कर लिया गया है।
संयुक्त मजिस्ट्रेट अपूर्वा पांडे ने बताया कि कोरोना से जंग जीतने के लिए सतर्कता व सावधानी के साथ जागरूक रहना होगा। खुद के साथ औरों की जिंदगी से खिलवाड़ कतई न करें। कोरोना जैसे लक्षण मिलने पर संबंधित व्यक्ति खुद को आइसोलेट कर ले। ताकि संक्रमण को रोका जा सके। कोविड-19 की गाइडलाइन के उल्लंघन पर किसी को बख्शा नहीं जाएगा। यह गंभीर मामला है।
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