माॅस्को में कथक सिखाएंगी उत्तराखंड की शिप्रा, इंडियन काउंसिल फॉर कल्चरल रिलेशंस ने किया चयन

हल्द्वानी निवासी शिप्रा रूस में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने के साथ कथक सीखने के शौकीनों को प्रशिक्षण भी देंगी। विदेश मंत्रालय के अधीन आने वाले इंडियन काउंसिल फॉर कल्चरल रिलेशंस (आइसीसीआर) की ओर से शिप्रा का चयन अध्यापक व सह कलाकार के रूप में किया गया है।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 05:20 PM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 11:03 PM (IST)
माॅस्को में कथक सिखाएंगी उत्तराखंड की शिप्रा, इंडियन काउंसिल फॉर कल्चरल रिलेशंस ने किया चयन
शिप्रा कथक केंद्र नई दिल्ली से परास्नातक हैं। संस्कृति मंत्रालय से स्कॉलरशिप प्राप्त हैं।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में पहचान बनाने वाली उत्तराखंड की बेटी शिप्रा जोशी रूस की राजधानी माॅस्को में कथक कला का प्रदर्शन करेंगी। हल्द्वानी निवासी शिप्रा रूस में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने के साथ कथक सीखने के शौकीनों को प्रशिक्षण भी देंगी।

विदेश मंत्रालय के अधीन आने वाले इंडियन काउंसिल फॉर कल्चरल रिलेशंस (आइसीसीआर) की ओर से शिप्रा का चयन अध्यापक व सह कलाकार के रूप में किया गया है। शिप्रा 24 अप्रैल को मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास में अपना दायित्व संभालेंगी। सेंट थेरेसा सीनियर सेकेंडरी स्कूल काठगोदाम व डीएसबी काॅलेज नैनीताल से पड़ी शिप्रा जोशी ने गुरु प्रेरणा श्रीमाली व गुरु नंदनी सिंह से नृत्य की बारीकी सीखी है। जयपुर घराने से संबंध रखने वाली शिप्रा ने कथक नृत्य प्रशिक्षण की शुरुआत नूपुर नृत्य कला केंद्र हल्द्वानी से शुरू की थी। शिप्रा कथक केंद्र नई दिल्ली से परास्नातक हैं। संस्कृति मंत्रालय से स्कॉलरशिप प्राप्त हैं।

दूरदर्शन की सूचीबद्ध कलाकार

शिप्रा दूरदर्शन की वरीयता हासिल सूचीबद्ध कलाकार हैं और देश-विदेश में कई प्रतिष्ठित नृत्य उत्सवों में प्रस्तुति दे चुकी हैं। दिल्ली, उदयपुर, चंडीगढ़, अल्जीरिया व राष्ट्रपति भवन में में उनकी प्रस्तुति को काफ सराहा गया। माॅस्को में होने वाले कार्यक्रम के लिए उन्हें शहरवासियों ने बधाई दी है।

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