मोदी-योगी पर भड़के शंकराचार्य, बोले-पीएम ने गोरक्षों को गुंडा कहा, सीएम नहीं बंद करा पाए बूचड़खाने

गोवर्धन मठ पुरी के जगतगुरु शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने कहा आज देश जिस प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की प्रशंसा कर रहा है उन्होंने गो रक्षकों ने लिए गुंडे शब्द का इस्तेमाल किया था। उन्होंने बिना नाम लिए कहा कि शपथ ग्रहण से पहले वह 40 मिनट मेरे पास बैठे थे।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sun, 28 Nov 2021 06:36 PM (IST) Updated:Sun, 28 Nov 2021 06:36 PM (IST)
मोदी-योगी पर भड़के शंकराचार्य, बोले-पीएम ने गोरक्षों को गुंडा कहा, सीएम नहीं बंद करा पाए बूचड़खाने
योगी-मोदी पर भड़के शंकराचार्य, बोले-पीएम ने गोरक्षों को गुंडा कहा, सीएम नहीं बंद करा पाए बूचड़खाने

हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : गोवर्धन मठ पुरी के जगतगुरु शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने कहा, आज देश जिस प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की प्रशंसा कर रहा है, उन्होंने गो रक्षकों ने लिए गुंडे शब्द का इस्तेमाल किया था। उन्होंने बिना नाम लिए कहा कि शपथ ग्रहण से पहले वह 40 मिनट मेरे पास बैठे थे। गो रक्षकों के लिए गुंडे शब्द इस्तेमाल करने वालों ने गो हत्यारों के लिए एक शब्द नहीं कहा। आप ही समीक्षा करें कि उन्होंने घुटना कहां टेक दिए।

उत्तराखंड प्रवास पर आए जगतगुरु शंकराचार्य रविवार को हल्द्वानी के चारधाम मंदिर में धर्मसभा के दौरान प्रबुद्धजनों के सवालों के जवाब दिए। उत्‍तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ पर शंकराचार्य ने कहा, वह 30 वर्षों से मेरे परिचित हैं। योगी ने अवैध बूचड़खाने बंद करने की बात कही, वह भी बंद नहीं हुए। इसका मतलब बूचड़खाने भी वैध होते हैं। योगी ने गोहत्या को वैध सिद्ध किया है। जगतगुरु ने कहा कि किसी की समीक्षा पूर्णता के साथ करनी चाहिए। हालांकि यह भी जोड़ा कि किसी नेता की समीक्षा हमसे कराना उचित नहीं।

धर्मनिरपेक्ष शब्द विडंबना और धोखा

धर्मनिरपेक्ष शब्द की उपयोगिता पर बोलते हुए जगतगुरु ने कहा, शब्द के अतिरिक्त जिसका कोई अस्तित्व न हो। जिसका कोई अर्थ न सिद्ध होता है उसका नाम विकल्प है। धर्मनिरपेक्ष शब्द है, यह कोई व्यक्ति, वस्तु भी हो सकता है। जब तब किसी वस्तु, व्यक्ति में गुण, धर्म की प्रतिष्ठा है तब तक उसकी उपयोगिता है। धर्मनिरपेक्ष केवल शब्द है, जिसका कोई अर्थ नहीं है। इसलिए धर्मनिरपेक्ष पागलपन है, विडंबना है, धोखा है।

विश्व भारत को सनातन व आदर्श रूप देखता है

शंकराचार्य ने कहा, समूचा विश्व भारत को सनातन व आदर्श रूप में ही देखना चाहता है। इसके लिए उन्होंने उदाहरण दिया कि देश के पहले पीएम ने अपनी बहन को रूस में राजदूत बनाकर भेजा था। वहां से राष्ट्रपति ने यह कहते हुए उनसे बात करने से मना कर दिया कि ब्राह्मण कुल व भारत के पीएम की ऐसी बहन से वह बात करना पसंद नहीं करते जिनके अंग्रेजी कट बाल हों। तब डा. सर्वपल्ली राधा कृष्णन को राजदूत बनाकर रूस भेजा गया था।

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