नशे की बढ़ती समस्‍या को लेकर डीजीपी को ल‍िखा पत्र, अधिकार‍ियों के स्‍थानांतरण सहित रखी कई मांगें

स्मैक चरस आदि नशीले पदार्थों का सेवन स्कूल कॉलेज जाने वाले छात्रों व अन्य युवा वर्ग में तेजी से फैल रहा है। एसएसपी एसपी सीओ डीआइजी डीजीपी आदि अधिकारियों तक सूचनाएं पहुंचने के लिए नंबर सार्वजनिक करने की आवश्यकता है।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 03:33 PM (IST) Updated:Tue, 13 Apr 2021 03:33 PM (IST)
नशे की बढ़ती समस्‍या को लेकर डीजीपी को ल‍िखा पत्र, अधिकार‍ियों के स्‍थानांतरण सहित रखी कई मांगें
छोटी-छोटी दुकानों व लोगों के घरों में स्मैक, चरस आदि की बिक्री की जा रही है।

हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : अपराध की बढ़ती घटनाओं के बीच जनता अधिकारियों से गुहार लगा रही है, लेकिन लोग इस गुहार को अनसुना कर दे रहे हैं। ऐसे में कुर्सियों पर कई साल से जमे हुए अधिकारियों का स्थानांतरण किया जाए। जिससे अपराध की घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी। यह बातें सामाजिक कार्यकर्ता बबली वर्मा ने प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को लिखे पत्र में कही हैं। बबली ने लिखा है कि जिले में स्मैक, चरस आदि नशीले पदार्थों का सेवन स्कूल, कॉलेज जाने वाले छात्रों व अन्य युवा वर्ग में तेजी से फैल रहा है। नशे के संबंध में शिकायतें छोटे कर्मचारियों तक ही सिमट कर रह जा रही हैं। जबकि एसएसपी, एसपी, सीओ, डीआइजी, डीजीपी आदि अधिकारियों तक सूचनाएं पहुंचने के लिए नंबर सार्वजनिक करने की आवश्यकता है।

छोटी दुकानों पर बिक रहा नशा

जिले की विभिन्न दुकानों पर नशे की सामाग्री बेची जा रही है। पत्र में लिखा है कि छोटी-छोटी दुकानों व लोगों के घरों में स्मैक, चरस आदि की बिक्री की जा रही है। ऐसे में यह देखना होगा कि इन नशीले पदार्थों के सप्लायर के बारे में पता करना आवश्यक है। इसके अतिरिक्त सट्टे का कारोबार भी खूब किया जा रहा है। जिसमें लोग अपनी जमा-पूंजी लुटा दे रहे हैं।

10 साल से थानों में जमे हैं अधिकारी

डीजीपी को लिखे पत्र में कहा गया है कि विभिन्न थानों में पुलिस अधिकारी बीते 10 से 12 वर्षों से जमे हुए हैं। जिसमें मुख्य रूप से हल्द्वानी, काठगोदाम, मुखानी, बनभूलपुरा, लालकुआं, लामाचौड़, ट्रांसपोर्टनगर आदि जगहों पर तैनात इंचार्ज व दारोगा का स्थानांतरण करने की आवश्यकता है। इसके अतिरिक्त कई सिपाही, जनसूचना अधिकारी बार-बार इसी क्षेत्र में नियुक्ति पा रहे हैं। जिससे शिकायतों का निवारण व जांच प्रभावित हो रही है।

नशे की सूचना रखी जाए गोपनीय

डीजीपी को लिखे पत्र में नशे की सूचना देने वाले व्यक्ति की गोपनीयता बनाए रखने की भी मांग की है। जिससे कोई भी जनप्रतिनिधि या सामान्य व्यक्ति बिना किसी भय के नशे की सूचना बिना भय के दे सके। यदि इसके बाद भी पता चलता है तो सूचना देने वाले की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।

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