International Nurses Day 2021 : सात माह की गर्भवती दीप्ति का हौसला मरीजों की ताकत, बगैर छुट्टी लिए रामनगर अस्पताल में कर रहीं काम
वर्तमान में वह सात माह की गर्भवती हैं। दीप्ति का यह पहला गर्भ है। कुछ समय तक वह हल्द्वानी से ड्यूटी के लिए अप-डाउन करती थीं मगर अब अस्पताल परिसर में बने आवास को ही ठिकाना बना लिया है। वह ड्यूटी को लेकर भी पूरी तरह से गंभीर हैं।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : कोई भी व्यक्ति मजबूरी में ही अस्पताल जाता है। कोरोना महामारी के दूसरे दौर में हॉस्पिटल से जुड़े हर शख्स पर दबाव बढ़ा है और उसका काम दोगुना होना चुका है। संकट भले बड़ा है लेकिन दुनिया उम्मीद पर टिकी है। उम्मीद और हिम्मत स्टाफ नर्स दीप्ति खंपा जैसे लोगों से मिलेगी। सात माह की गर्भवती होने के बाद भी दीप्ति ने घर पर आराम करने के बजाय अपने फर्ज को ज्यादा तवज्जो दी है।
गौलापार के नवाड़खेड़ा गांव निवासी दीप्ति खंपा रामनगर स्थित रामदत्त जोशी संयुक्त चिकित्सालय में वर्ष 2013 से तैनात हैं। पिछले डेढ़ साल से उनकी ड्यूटी कोविड सेंटर में है। पति अजय ओखलकांडा ब्लॉक के सरकारी स्कूल में शिक्षक हैं। दीप्ति पर अस्पताल में आए कोरोना संदिग्धों के सैंपल लेने के साथ कंटेनमेंट जोन में जाकर लोगों के टेस्ट करने में सहयोग की जिम्मेदारी भी है। यानी अस्पताल से लेकर फील्ड की ड््यूटी जोखिम के बीच गुजरती है। ड्यूटी के दौरान हर वक्त दौड़ते रहना पड़ता है।
वर्तमान में वह सात माह की गर्भवती हैं। दीप्ति का यह पहला गर्भ है। कुछ समय तक वह हल्द्वानी से ड्यूटी के लिए अप-डाउन करती थीं, मगर अब अस्पताल परिसर में बने आवास को ही ठिकाना बना लिया है। गर्भावस्था होने के कारण अपने स्वास्थ्य को लेकर वह पूरी सावधानी बरतती हैं और ड्यूटी को लेकर भी पूरी तरह से गंभीर हैं। यही वजह है कि अस्पताल से लेकर फील्ड ड्यूटी के दौरान काम का चाहे कितना लोड हो, लेकिन कभी किसी मरीज या तीमारदारों संग बहस की स्थिति पैदा नहीं होने दी।
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