रामनगर में डीएफओ के छापे में ड्यूटी छोड़कर नदारद मिले सात कर्मचारी, वेतन रोकने के निर्देश

दो वन चौकियों से सात कर्मचारी रात में नदारद मिले। अवैध उपखनिज के डंपर बेरोकटोक निकल रहे थे। ऐसे में कर्मचारियों के खनन माफिया से मिलीभगत की आशंका जताई जा रही है। दोषी कर्मियों का वेतन रोका जाएगा।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Fri, 01 Oct 2021 06:07 AM (IST) Updated:Fri, 01 Oct 2021 06:07 AM (IST)
रामनगर में डीएफओ के छापे में ड्यूटी छोड़कर नदारद मिले सात कर्मचारी, वेतन रोकने के निर्देश
डीएफओ ने चारों डंपरों को कब्जे में लेकर समीप की वन चौकी में खड़ा करा दिया।

जागरण संवाददाता, रामनगर : डीएफओ की छापामार कार्रवाई के दौरान कर्मचारियों की ड्यूटी के प्रति लापरवाही उजागर हुई है। दो वन चौकियों से सात कर्मचारी रात में नदारद मिले। अवैध उपखनिज के डंपर बेरोकटोक निकल रहे थे। ऐसे में कर्मचारियों के खनन माफिया से मिलीभगत की आशंका जताई जा रही है। दोषी कर्मियों का वेतन रोका जाएगा। 

तराई पश्चिमी वन प्रभाग के डीएफओ बीएस शाही बुधवार रात में एसडीओ शिशुपाल रावत  व वन सुरक्षा बल के प्रभारी अभिलाष सक्सेना के साथ वन चौकियों का औचक निरीक्षण करने पहुंचे। डीएफओ पहले रामनगर रेंज के कार्यालय पहुंचे। पूछने पर पता चला कि चार कर्मचारी रात्रि ड्यूटी होने के बावजूद चौकी छोड़कर गायब है। इसके बाद बन्नाखेड़ा रेंज के कार्यालय में भी तीन कर्मचारी ड्यूटी से गायब मिले। बन्नाखेड़ा में गश्त के दौरान चार डंपर अवैध उपखनिज लाते दिखे।

डीएफओ ने स्टाफ बुलाकर डंपरों को रोककर उनसे उपखनिज के प्रपत्र मांगे तो चालक नहीं दिखा पाए। पूछने पर पता चला कि डंपर चालक चूनाखान नाले से उपखनिज चोरी करके ला रहे हैं। डीएफओ ने चारों डंपरों को कब्जे में लेकर समीप की वन चौकी में खड़ा करा दिया। डीएफओ की ओर से ड्यूटी से गायब रहे सातों कर्मचारियों का वेतन रोकने का आदेश कर दिया। डीएफओ ने फील्ड कर्मियों को लापरवाही न बरतने व गश्त तेज कर सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं।  

उपखनिज से भरा डंपर छोड़ फरार हुआ चालक

बैलपड़ाव क्षेत्र में स्टाफ के साथ गश्त पर निकले रेंजर संतोष पंत को देखकर उपखनिज से भरा डंपर सड़क पर छोड़कर चालक फरार हो गया। जांच में पता चला कि उपखनिज स्टोन क्रशर से लाया जा रहा था। जिसमें 97 क्विंटल उपखनिज क्षमता से अधिक था। डीएफओ ने बताया कि वाहन को सीज कर क्रशर स्वामी व वाहन स्वामी के खिलाफ वन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। 

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