जल, जंगल, जमीन पर बुनियादी हक और रोजगार के अवसर पैदा कर रोका जा सकता है पलायन

राज्य स्थापना की 21वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजत गोष्ठी के मुख्य अतिथि एसडीएम हिमांशु कफल्टिया रहे। वक्ताओं ने कहा कि पहाड़ों में रोजगार का अभाव बदहाल शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाएं पलायन का मुख्य कारण हैं। भू कानून जल जमीन एवं वन संपदा में लोगों को हक नहीं मिल पाए।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Wed, 10 Nov 2021 02:57 PM (IST) Updated:Wed, 10 Nov 2021 02:57 PM (IST)
जल, जंगल, जमीन पर बुनियादी हक और रोजगार के अवसर पैदा कर रोका जा सकता है पलायन
स्थानीय संसाधनों को विकसित कर लोगों को रोजगार नहीं दिया जाता तब तक पलायन जारी रहेगा।

जागरण संवाददाता, चम्पावत : डा. एपीजे अब्दुल कलाम प्रौद्योगिकी संस्थान टनकपुर में आयोजित विचार गोष्ठी में वक्ताओं ने राज्य क पर्वतीय क्षेत्रों में हो रहे पलायन पर चिंता जताई। कहा कि जब तक स्थानीय संसाधनों को विकसित कर लोगों को रोजगार नहीं दिया जाता तब तक पलायन जारी रहेगा। इस दौरान शिक्षण संस्थानों और अस्पतालों में संसाधनों की कमी पर भी चिंता व्यक्त की गई।

राज्य स्थापना की 21वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजत गोष्ठी के मुख्य अतिथि एसडीएम हिमांशु कफल्टिया रहे। संस्थान के निदेशक डा. अमित अग्रवाल ने पुष्प गुच्छ देकर मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए गोष्ठी के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। वक्ताओं ने कहा कि पहाड़ों में रोजगार का अभाव, बदहाल शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाएं पलायन का मुख्य कारण हैं। भू कानून, जल, जमीन एवं वन संपदा में आज भी पहाड़ के लोगों को हक हकूक नहीं मिल पाए हैं।

उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी प्रेम सिंह रावत, गजेंद्र चंद, मोहन चंद, डा. देवी दत्त जोशी, विमला सजवाण, रुक्मणी उनियाल, शंकर लाल वर्मा, बहादुर सिंह पाटनी, विनोद काला, दिनेश शास्त्री, सुमन वर्मा, सुनीता गहतोड़ी, जसवंत बसेड़ा आदि ने अपने विचार रखे। कहा कि सरकारों ने बीते 21 वर्षों में अनेकों शिक्षण संस्थान, अस्पताल खोले  लेकिन पर्याप्त संसाधन उपलब्ध नहीं कराए गए, जिससे उनका लाभ अभी भी नहीं मिल पा रहा है।

कार्यक्रम में ऑनलाइन जुड़े तरुण जोशी व चंद्रशेखर जोशी ने अपनी बात रखी। उन्होंने अनियंत्रित ढंग से हो रहे कार्यों पर चिंता व्यक्त की। धर्मेन्द्र चंद्र ने उत्तराखंड में बने कानूनों के सरलीकरण किए जाने की बात कही। कहा कि विधानसभा क्षेत्रों का परिसीमन क्षेत्रफल के आधार पर किया जाना चाहिए। इससे पूर्व संस्थान के विद्यार्थियों ने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए। संस्थान के शिक्षक अलप महर ने भी विचार रखे। एसडीएम हिमांशु कफल्टिया ने कार्यक्रम  में शामिल हुए लोगों का आभार जताया। संचालन संस्थान के शिक्षक हिमांशु साह ने किया।

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