Uttarakhand Disaster News Update : तस्‍वीरों में देखें उत्‍तराखंड की त्रासदी, जानमाल का भारी नुकसान, दहशत में लोग

Uttarakhand Disaster News Update पूरे कुमाऊं में करीब 12 से 15 लोगों की जान चली गई। प्रशासन जान-माल के नुकसान की जानकारी जुटा रहा है। भूस्खलन व नदी नालों के ओवरफ्लो के चलते जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। सड़क व घरों में मलबा घुस गया है।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 12:43 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 01:05 PM (IST)
Uttarakhand Disaster News Update : तस्‍वीरों में देखें उत्‍तराखंड की त्रासदी, जानमाल का भारी नुकसान, दहशत में लोग
हल्द्वानी में गाैला पुल का एक हिस्सा बह गया वहीं रुद्रपुर में कई बसे पूरी तरह से डूब गईं।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : पूरे उत्तराखंड में पश्चिमी विक्षोभ ने असर दिखा रहा है। तीसरे दिन भारी बारिश ने तबाही का रूप ले लिया है। पूरे कुमाऊं में करीब 12 से 15 लोगों की जान चली गई। प्रशासन जान-माल के नुकसान की जानकारी जुटा रहा है। भूस्खलन व नदी नालों के ओवरफ्लो के चलते जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। पहाड़ से मैदानी जिलों में सड़क व घरों में मलबा घुस गया है। नदियों के किनारे की आबादी को सुरक्षित करने को पुलिस-प्रशासन ने कवायद शुरू कर दी है। नैनीताल का पहली बार देश-दुनिया से संपर्क कट गया है। आइए तस्वीरों के माध्यम से देखें विभिन्न जिलों की भयावहता...

चम्पावत में मलबे की चपेट में आने मकान ध्वस्त हो गया। इसमें मां-बेटे की दर्दनाक मौत हो गई।

रानीखेत में नाले के वीभत्स रूप लेने पर मलबे को साफ करने के लिए जेसीबी लगाई गई। जिससे पानी का रास्ता न बदले और आवागमन जल्द सुचारू हो सके।

नैनीताल में नैनीझील के तट पर बना प्रसिद्ध बोट हाउस क्लब काफी ऊंचाई पर है। पर इस बार झील के बढ़े जलस्तर ने सभी रिकार्ड तोड़ते हुए बोट हाउस क्लब में पानी घुस गया। 

ऊधमसिंह नगर के किच्छा में लोगों के घरों व दुकानों में पानी भर गया।

नैनीताल के गरम पानी में पानी के साथ आए मलबे में सड़क किनारे खड़े वाहन उसमें समा गए।

चम्पावत में धान की पकी फसल को किसान काटने की तैयारी कर रहे थे, इसी बीच बारिश ने उन्हें कहीं का न छोड़ा।

सोमवार देर रात जलस्तर बढ़ने पर ऊधमसिंह नगर की कालोनी में पानी भर गया। माैके पर पुलिस कर्मियों ने पहुंचकर सभी को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।

बागेश्वर में सरयू नदी खतरे के निशान के ऊपर बह रही है।

रानीखेत में नाले के वीभत्स रूप लेने पर मलबे को साफ करने के लिए जेसीबी लगाई गई। जिससे पानी का रास्ता न बदले और आवागमन जल्द सुचारू हो सके।

अल्मोड़ा की गगाह नदी ने ऐसा कहर ढाया कि कारें बहने लगी। इससे आप पानी के बहाव का सहज अंदाजा लगा सकते हैं।

पिथौरागढ़ में गोरी नदी अपने पूरे ऊफान पर है। आसपास के लोगों को सतर्क रहने को कहा गया है।

ऊधमसिंह नगर के सितारगंज में मंडी में तौला गया धान पूरी तरह भीग गया। 

काठगोदाम रेलवे स्टेशन की पटरी गौला के तेज बहाव में बह गई।

बाजपुर के बाजार में घुटनों तक पानी भर गया। किसी को रास्ता नहीं सूझ रहा।

टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर चल्थी में लधिया नदी पर बन रहा निर्माणाधीन पुल बह गया।

चम्पावत की शारदा नदी ऐसी ऊफनाई कि बाजार व घरों में पानी पहुंच गया।

पिथौरागढ़ में जिलेभर में कई जगहों पर सड़कों पर मलबा व पेड़ गिरने से आवागमन बाधित है।

इस बारिश के बीच उच्च हिमालय पर लगातार दूसरे दिन हिमपात जारी है। इससे पारा तेजी से नीचे गिर गया है। सुबह शाम ठंड होने लगी है।

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