स्कूलों को पहले खुद बच्चों को कोरोना से बचाने का तरीका बताना होगा, तीन दिन का मौका
दो नवंबर से स्कूल खोलने की तैयारी कर रहे प्राइवेट और सरकारी स्कूलों को पहले खुद की एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) तैयार करनी होगी। जिसमें बताना होगा कि वे स्कूल शुरू होने के बाद किसी तरह बच्चों की कोरोना से सुरक्षा करेंगे।
हल्द्वानी, जेएनएन : दो नवंबर से स्कूल खोलने की तैयारी कर रहे प्राइवेट और सरकारी स्कूलों को पहले खुद की एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) तैयार करनी होगी। जिसमें बताना होगा कि वे स्कूल शुरू होने के बाद किसी तरह बच्चों की कोरोना से सुरक्षा करेंगे। शिक्षा विभाग ने एसओपी तैयार करने के लिए स्कूलों को तीन दिन का समय दिया है।
कोरोना वायरस संक्रमण से सुरक्षा को लेकर सरकार किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं होने देना चाहती है। ऐसे में स्कूलों को भी एसओपी का पालन करने के लिए लिखित सहमति देने को कहा गया है। इसके बाद ही स्कूल संचालित होंगे। राज्य सरकार से एसओपी मिल चुकी है ऐसे में अब शिक्षा विभाग ने तीन दिन के भीतर स्कूलों से भी अपने स्तर पर एसओपी तैयार करने को कहा है। जिसे मुख्य शिक्षाधिकारी को भेजना होगा। इसके अलावा स्कूलों को अपने प्रवेश द्वार, नोटिस बोर्ड में इस एसओपी को चस्पा करना होगा। बता दें कि दो नवंबर से सभी स्कूलों में केवल 10वीं और 12वीं की ही पढ़ाई होगी।
जिले में ये है स्कूलों की स्थिति
माध्यमिक स्कूल 197
निजी स्कूल करीब 500
सीबीएसई से संबद्ध स्कूल करीब 70
एसओपी के प्रमुख बिंदु
सुरक्षित शारीरिक दूरी, सेनिटाइजेशन संबंधी निर्देशों का पालन अनिवार्य, स्कूलों में स्टाफ व विद्याॢथयों के लिए अलग-अलग क्वारंटाइन परिसर स्थापना, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य की देखरेख को परामर्शदाता शिक्षक व परामर्शदाता की व्यवस्था आदि।