नैनीताल में मांगों को लेकर सड़कों पर उतरे पर्यावरण मित्र, सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी

सात दिन से कार्य बहिष्कार पर डटे पर्यावरण मित्रों ने विरोध तेज कर दिया है। भारी संख्या में कर्मचारियों ने सड़कों पर उतर कर शहरी विकास मंत्री का पुतला दहन किया। चेताया कि यदि मांगे पूरी नहीं हुई तो उन्हें और उग्र आंदोलन को बाध्य होना पड़ेगा।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 02:59 PM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 02:59 PM (IST)
नैनीताल में मांगों को लेकर सड़कों पर उतरे पर्यावरण मित्र, सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी
नैनीताल में मांगों को लेकर सड़कों पर उतरे पर्यावरण मित्र, सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी

नैनीताल, जागरण संवाददाता : 11 सूत्रीय मांगों को लेकर बीते सात दिन से कार्य बहिष्कार पर डटे पर्यावरण मित्रों ने विरोध तेज कर दिया है। भारी संख्या में कर्मचारियों ने सड़कों पर उतर कर शहरी विकास मंत्री का पुतला दहन किया। साथ ही सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए चेताया कि यदि मांगे पूरी नहीं हुई तो उन्हें और उग्र आंदोलन को बाध्य होना पड़ेगा।

रविवार को देवभूमि उत्तराखंड सफाई कर्मचारी संघ शाखा नैनीताल के बैनर तले तमाम पर्यावरण मित्र पालिका परिसर में एकत्रित हुए। कर्मचारी रैली निकाल नारेबाजी करते हुए मल्लीताल चौकी पहुंचे। कर्मियों ने बीच सड़क में शहरी विकास मंत्री बंशीधर भगत का पुतला दहन किया। जिससे यातायात भी बाधित हो गया। साथ ही मंत्री व सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कर्मियों ने चेताया कि यदि सरकार द्वारा समय रहते उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो वह अपने परिवार जनों को लेकर रोड शो करेंगे। यदि फिर भी बात नहीं बनी तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा।

प्रदर्शन करने वालों में संघ अध्यक्ष धर्मेश प्रसाद, सचिव सोनू सहदेव, उपाध्यक्ष कमल कुमार, वाल्मीकि सभा अध्यक्ष गिरीश भैया, मनोज भारती, संजय सौदा, राजेंद्र बाल्मीकि, हरीश सागर, राम कुमार, राजन भैया, मुकुल, अनीता, गुड्डी, बसंती, रेखा, रजनी, कोमल, रंजना, अनीता, रामबली, रज्जू समेत मौजूद रहे।

कर्मियों के कार्य बहिष्कार के चलते गंदगी से पटा शहर

बीते सात दिनों से पर्यावरण मित्रों के हड़ताल पर जाने के कारण शहर की सफाई व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई है। शहर के मुख्य मार्गों, बाजारों के साथ ही ऊंचाई वाले क्षेत्रों में कूड़े और गंदगी के ढेर लग गए हैं। जिससे राहगीरों का गुजरना भी दूभर हो रहा है। हालांकि पालिका की ओर से आउटसोर्स कर्मियों द्वारा किसी तरह वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है। मगर शहर क्षेत्र बड़ा होने के कारण सफाई व्यवस्था पटरी पर लाना मुश्किल हो रहा है।

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