नियमितीकरण की मांग कर रहे सफाई कर्मचारियों ने विरोध की रणनीति बदली
पूरा शहर कूड़े से पट चुका है। देवभूमि उत्तराखंड सफाई कर्मचारी संघ ने आंदोलन की रणनीति बदल दी है। कर्मचारियों ने सोमवार को कूड़ा उठाने का विरोध नहीं किया। हालांकि निगम परिसर में धरने पर जमे कर्मचारियों ने कर्मचारियों की उपेक्षा पर प्रदेश सरकार को कोसा।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : पूरा शहर कूड़े से पट चुका है। देवभूमि उत्तराखंड सफाई कर्मचारी संघ ने आंदोलन की रणनीति बदल दी है। कर्मचारियों ने सोमवार को कूड़ा उठाने का विरोध नहीं किया। हालांकि निगम परिसर में धरने पर जमे कर्मचारियों ने कर्मचारियों की उपेक्षा पर प्रदेश सरकार को कोसा। चेताया कि जब तक मांगें नहीं मानी जाती वह पीछे नहीं हटेंगे। प्रदेशव्यापी आंदोलन को आठ दिन पूरे हो गए हैं।
सोमवार को नगर निगम की टीम ने शहर के कई सार्वजनिक स्थानों से कूड़े का ढेर हटवाया। सफाई के लिए निगम ने 12-12 कर्मचारियों की दो टीमें गठित कर दी है। दो बुलडोजर व तीन डंपर को किराये पर लिया गया है। सोमवार को बरेली रोड, राजपुरा, इंदिरानगर, भोलानाथ गार्डन, नैनीताल रोड आवास विकास के पास से 250 मीट्रिक टन से अधिक कूड़ा उठाया गया। इंदिरानगर के जनप्रतिनिधि पिछले दो दिनों से कूड़ा उठाने की मांग कर रहे थे। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. मनोज कांडपाल ने बताया कि जब तक कर्मचारी काम पर नहीं लौटते दैनिक मजदूरी वाले कर्मचारियों से कूड़ा उठाना जारी रखा जाएगा।
पहल : कूड़ा फेंकनेवालों की निगरानी शुरू
नवाबी रोड स्थित महिला डिग्री कॉलेज के बाहर वाहनों से आने-जाने वाले कूड़ा फेंक जाते हैं। ऐसे लोगों की निगरानी के लिए कालोनी के लोगों ने ड्यूटी लगा दी है। लोगों का कहना है कि मोहल्ले को कूड़ा घर नहीं बनने देंगे। सामाजिक कार्यकर्ता हेमंत गौनिया ने बताया कि रात को भी निगरानी की जा रही है। पहले दिन 11 लोगों को कूड़ा फेंकते पकड़ा गया। ऐसे लोगों की फोटोग्राफी की गई है। वाहन संख्या के साथ सूची नगर निगम को सौंपेंगे।