Salt By Election : सल्ट के जनविश्वास पर प्रतिष्ठा बचा ही ले गए तीरथ, भाजपा भी मुख्यमंत्री के चेहरे पर ही उतरी थी मैदान में
Salt By Election सल्ट उपचुनाव जीतकर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने एक तीर से कई निशाने साधे हैं। इसे 2022 के फाइनल के लिहाज से जितना अहम माना जा रहा है। वहीं सीएम बनने के बाद तीरथ को उपचुनाव के जरिये खुद को भी साबित करना है।
जागरण संवाददाता, भिकियासैंण (अल्मोड़ा) : Salt By Election : सत्ता संभालते ही नाक का सवाल बने सल्ट उपचुनाव की बड़ी जिम्मेदारी। कसौटी पर खरा उतरने का दारोमदार भी। तमाम चुनौतियों के बीच सीएम तीरथ सिंह रावत सल्ट के मतदाताओं का दिल जीतने में जहां कामयाब रहे। वहीं येन केन प्रकारेण अपनी प्रतिष्ठा भी बचा ले गए। चूंकि भाजपा ने मुख्यमंत्री तीरथ के चेहरे पर ही उपचुनाव लड़ा था। लिहाजा नए सीएम के रूप में कम अंतराल के लिए सल्ट से विधायक जिताने का सियासी खेल कम जोखिम भरा नहीं था। मगर सल्ट के जनादेश ने तीरथ पर भरोसा जताया और उनके विकास के वादे पर सहानुभूति की मुहर भी लगाई।
सल्ट उपचुनाव में कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत की सजाई गई फील्डिंग और प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक की कप्तानी में यूं तो भाजपा चुनावी मैदान में पूरे आत्मविश्वास से उतर चुकी थी। मगर कोरोना को मात देकर दूहरादून पहुंची पूर्व सीएम व कांग्रेस के कद्दावर नेता हरीश रावत का सल्ट कार्यक्रम तय होने पर पार्टी संगठन ने तुरत फुरत सीएम तीरथ को आखिरी चरण में उतारने का फैसला लिया।
17 अप्रैल को सीएम तीरथ सल्ट सीट के देघाट (स्याल्दे) में करीब 10 मिनट तक नपातुला ही बोले। सीधे सपाट बोले- सुरेंद्र सिंह जीना ने क्षेत्र की सच्ची सेवा की। कठिन घड़ी है। उनके बड़े भाई महेश जीना को टिकट दिया है। सुरेंद्र सिंह जीना को श्रद्धांजलि के रूप में भाजपा को जिताओ, सारे विकास कार्य पूरे होंगे। राज्य सरकार सल्ट के विकास को प्रतिबद्ध है। बतौर मुख्यमंत्री तीरथ की यह पहली अग्निपरीक्षा थी। जनता जनार्दन ध्यान से उनकी बातों को सुनती रही और ठीक दो दिन बाद 17 अप्रैल को सीएम पर भरोसा जता जनादेश भाजपा प्रत्याशी महेश जीना के पक्ष में दिया।
एक तीर से तीरथ ने साधे कई निशाने
सल्ट उपचुनाव जीतकर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने एक तीर से कई निशाने साधे हैं। इसे 2022 के फाइनल के लिहाज से जितना अहम माना जा रहा है। वहीं सीएम बनने के बाद तीरथ को उपचुनाव के जरिये खुद को भी साबित करना है। ऐसे में सल्ट सीट जीतने के बाद तीरथ का उपचुनाव भी भाजपा के लिए आसान साबित हो सकता है। वहीं सरकार, संगठन व हाईकमान की नजर में भी तीरथ का कद बढ़ा है।
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