परीक्षा स्वरूप में बदलाव को लेकर बवाल, प्रोफेशनल कोर्स व बीएससी-एमएससी में सीटें बढ़ाने की भी मांग
संगठन पदाधिकारियों ने एक स्वर में परीक्षाएं ओपन बुक तथा एसाइनमेंट के आधार पर कराने की मांग कर डाली। साथ ही नारेबाजी करते हुए विवि गेट को बंद कर दिया। इन छात्रों का कहना था कि कोविड काल में छात्रों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हुई है।
जागरण संवाददाता, नैनीताल : एक ओर प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री के निर्देश पर कुमाऊं विवि की स्नातक प्रथम वर्ष वार्षिक मोड पर आधारित परीक्षाएं चार अक्टूबर से हो रही हैं, अब सरकार के समर्थित संगठन विद्यार्थी परिषद ने इस परीक्षा के स्वरूप में बदलाव की मांग को लेकर विवि के मुख्य गेट में तालाबंदी करने के साथ ही कुलसचिव का घेराव कर डाला। रात करीब सवा सात बजे मुख्य परीक्षा नियंत्रक प्रो एचसीएस बिष्टï से वार्ता शुरू हो गई है।
शुक्रवार को पूर्वाह्नï करीब 11 बजे विद्यार्थी परिषद के प्रदेश सह संगठन मंत्री विक्रम फत्र्वाण के नेतृत्व में पदाधिकारी विवि प्रशासनिक भवन पहुंचे और मांगों को लेकर कुलपति प्रो. एनके जोशी से मिलने पहुंचे। कुलपति नहीं मिले तो रजिस्ट्रार दिनेश चंद्रा से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने परीक्षा नियंत्रक से संपर्क साधा। शाम पांच बजे उनका धैर्य जवाब दे गया और उन्होंने मुख्य गेट पर तालाबंदी करने के साथ ही नारेबाजी की। संगठन पदाधिकारियों ने एक स्वर में परीक्षाएं ओपन बुक तथा एसाइनमेंट के आधार पर कराने की मांग कर डाली। साथ ही नारेबाजी करते हुए विवि गेट को बंद कर दिया। इन छात्रों का कहना था कि कोविड काल में छात्रों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हुई है।
सिग्नल वीक होने की वजह से दूरस्थ इलाकों के छात्र तैयारी नहीं कर सके। कोविड की वजह से दूसरे विवि में छात्र एडमिशन नहीं ले सके, लिहाजा प्रोफेशनल कोर्स व बीएससी-एमएससी में सीटें बढ़ाई जाएं। गुस्साए छात्रों ने कुलसचिव का घेराव कर डाला। छात्रों ने हर हाल में मांग पूरी होने तक विवि में डटे रहने का ऐलान कर डाला है। इस अवसर पर छात्रसंघ अध्यक्ष विशाल वर्मा, कुलदीप कुल्याल, हरीश राणा, अभिषेक मेहरा, चंदू सनवाल, चंदन, शेखर मेहर, कौशल विरमानी, नवीन भट्ट, रश्मि लमगडिय़ा आदि मुख्य रूप से शामिल रहे। समाचार लिखे जाने तक वार्ता जारी थी।