तीलू रौतेली पुरस्कार के लिए रुचि व ममता का चयन, ताइक्वांडो और बेहतर समाजिक कार्यों के लिए मिला सम्मान

जिले की ताइक्वांडो खिलाड़ी रूचि कालाकोटी और सामाजिक क्षेत्र में काम कर रही ममता मेहता का चयन तीलू रौतेली पुरस्कार के लिए किया है। यह पुरस्कार उन्हें आठ अगस्त को देहरादून में प्रदान किया जाएगा। दोनों यहां से देहरादून के लिए रवाना गई हैं।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Sat, 07 Aug 2021 05:05 PM (IST) Updated:Sat, 07 Aug 2021 05:05 PM (IST)
तीलू रौतेली पुरस्कार के लिए रुचि व ममता का चयन, ताइक्वांडो और बेहतर समाजिक कार्यों के लिए मिला सम्मान
कपकोट निवासी ममता मेहता ग्राम्या योजना में फैसीलेटर हैं।

जागरण संवाददाता, बागेश्वर : महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग उत्तराखंड ने जिले की ताइक्वांडो खिलाड़ी रूचि कालाकोटी और सामाजिक क्षेत्र में काम कर रही ममता मेहता का चयन तीलू रौतेली पुरस्कार के लिए किया है। यह पुरस्कार उन्हें आठ अगस्त को देहरादून में प्रदान किया जाएगा। दोनों यहां से देहरादून के लिए रवाना हो गए हैं।

नगर के सैंज निवासी शिक्षक बलवंत कालाकोटी की बेटी रूचि कालाकोटी बीए, बीपीएड हैं। वह ताइक्वांडो की बेहतरीन खिलाड़ी हैं। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण, कांस्य, रजत आदि पदक प्राप्त किए हैं। 2011 से वह लगातार पदक जीत रही हैं। ताइक्वांडो के क्षेत्र में उनका विशेष योगदान दस दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में प्रतिभाग है। बालिकाओं में आत्म रक्षा का कौशल विकसित करने के लिए 90 दिवसीय प्रशिक्षण, महिला सशक्तिकरण में योगदान, राजकीय आर्दा प्राथमिक विद्यालय में 45 दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने भी उन्हें सम्मानित किया है।

आल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी 2019-20 चेन्नई में रजत पदक जीता है। कराटे, ताइक्वांडो में हैदराबाद, पंजाब आदि स्थानों पर आयोजित प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग किया है। उनकी माता कमला कालाकोटी गृहणी हैं। रूचि ने कहा कि वह 12 वर्ष की उम्र से राष्ट्रीय पर्वों पर आयोजित होने वाली जिला स्तरीय क्रास कंट्री में शामिल हुई और प्रथम स्थान प्राप्त किया। उन्होंने इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को दिया है।

ममता मशरूम गर्ल के नाम से हैं जिले में प्रसिद्ध

तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित कपकोट निवासी ममता मेहता ग्राम्या योजना में फैसीलेटर हैं। उन्हें मशरूम गर्ल के नाम से भी जिले में जाना जाता है। वह भराड़ी में एमजे रेस्टोरेंट की संचालिका भी हैं। उनका चयन तीलू रौतेली पुरस्कार के लिए हुआ है।

कपकोट हाल भराड़ी निवासी ममता मेहता के पति सव. जमन सिंह का निधन सड़क हादसे में 2017 में हो गया। वह ड्राइवर थे और उनके निधन के बाद ममता टूटी नहीं। उनका 13 साल का बेटा शौर्य मेहता राजीव नवोदय विद्यालय में सातवीं का छात्र है। जिम्मेदारियों का अहसास हुआ और 2018 में वह ग्राम्या से जुड़ गईं। लीती, भनार, लाथी, चूचेर, मल्खाडूंर्चा, शामा, भनार आदि सुदूरवर्ती गांवों में मशरूम की खेती के लिए महिलाओं और पुरुषों को प्रेरित किया। वर्तमान में उनके साथ 30 महिलाएं और 30 पुरुषों का समूह जुड़ा हुआ है। इसके अलावा प्रवासियों को वह वर्तमान में मत्स्य पालन के लिए प्रेरित कर रही हैं। गांव के प्रवासी गोविंद सिंह ने मत्स्य पालन का काम शुरू कर दिया है। कोरोनाकाल में उन्होंने पांच हजार मास्क स्वयं बनाकर बांटे। 12 पर्यावरण मित्रों को स्वयं के खरीदकर राशन किट भी प्रदान किए। समाज सेवा करने का उनमें जज्बा है और वह कीवी, लिलियम आदि की खेती भी करा रही हैं। ममता ने कहा कि संघर्ष करने वाले कभी हार नहीं मानते हैं और वह इसी मंत्र के साथ अकेले आगे बढ़ रही हैं।

chat bot
आपका साथी