रामगढ़ में शुरू होगी रोजमेरी की खेती, संगध पौधा केंद्र सेलाकुई मुफ्त उपलब्ध कराएगा पैधे
कोरोना संक्रमण के बाद लगे लॉकडाउन से किसानों की उपज खेतों में ही बर्बाद हुई। घाटे से किसान आज तक नहीं उभर पाए हैं। अब संगध पौधा केंद्र ने रोजमेरी के उत्पादन के जरिए किसानों को लाभ पहुंचाने की योजना तैयार की है।
गरमपानी, संवाद सहयोगी : कोरोना संक्रमण के बाद लगे लॉकडाउन से किसानों की उपज खेतों में ही बर्बाद हुई। घाटे से किसान आज तक नहीं उभर पाए हैं। अब संगध पौधा केंद्र ने रोजमेरी के उत्पादन के जरिए किसानों को लाभ पहुंचाने की योजना तैयार की है। रामगढ़ ब्लॉक के नथुवाखान में एक हेक्टेयर कृषि भूमि पर रोजमेरी का उत्पादन किया जाएगा। किसानों को पौधे निशुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे।
लॉकडाउन के बाद किसानों की कमर ही टूट गई। बड़ी मंडियों के बंद हो जाने से काफी उपज खेतों में ही बर्बाद हो गई। अब किसानों को लाभ पहुंचाने के मकसद से सरकार विभिन्न योजनाएं तैयार कर रही है। इसी के तहत संगध पौधा केंद्र सेलाकुई (देहरादून) ने भी किसानों को लाभान्वित करने के लिए रामगढ़ ब्लॉक के नथुवाखान क्षेत्र में एक हेक्टेयर में रोजमेरी के उत्पादन की तैयारी कर ली है। बकायदा किसानों को भी चिन्हित कर लिया गया है। किसानों को निशुल्क पौधे तैयार कराए कराए जाएंगे। बकायदा तकनीकी जानकारी भी संबंधित विभाग देगा। उत्पादन के बाद विपणन व्यवस्था में भी संगध पौधा केंद्र के कर्मचारी किसानों को मदद करेंगे।
ढाई सौ रुपये प्रति किलो है पत्तों की कीमत
विभागीय अधिकारियों के अनुसार रोजमेरी के पत्तों की कीमत वर्तमान में 250 रुपये किलो है। इसको मसाले व चाय के रुप में इस्तेमाल किया जाता है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार कोलेस्ट्रॉल कम करने में भी यह काफी मददगार है। भूमि चिन्हित होने के बाद अब पौधरोपण की तैयारी भी तेज कर दी गई है।
ओखलकांडा व भीमताल के गांवों में महकेगा तेजपत्ता
ओखलकांडा व भीमताल ब्लॉक में सौ हेक्टेयर में तेजपत्ते का उत्पादन किया जाएगा। इसके लिए ओखलकांडा ब्लॉक में रीखाकोट, पोखरी मल्ली, अधौडा़, गडकरी मल्ली समेत सात ग्राम पंचायतों तथा भीमताल ब्लॉक के छह पंचायतों में तेजपत्ते का उत्पादन होगा।
रोजमैरी के उत्पादन की तैयारी पूरी
संगध पौधा केंद्र, जिला प्रभारी नैनीताल शंकर लाल सागर ने बताया कि नथुवाखान क्षेत्र में एक हेक्टेयर में रोजमैरी के उत्पादन की तैयारी पूरी कर ली गई है। किसानों को विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। निशुल्क पौधे उपलब्ध कराएंगे। किसानों को लाभ पहुंचाना योजना का मकसद है।
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