पिथौरागढ़ के नज्यांग में खिसकी चट्टान, कुछ घंटों के लिए खुला लिपुलेख मार्ग फिर बंद

नज्यांग के पास चट्टान खिसक जाने से मार्ग बंद हो गया है। उच्च हिमालय से आ रहे वाहन फंस गए हैं। जिले में तीन सीमा मार्ग दो स्टेट हाईवे दो सीमा मार्ग और सात ग्रामीण मार्ग बंद है।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 11:39 PM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 11:39 PM (IST)
पिथौरागढ़ के नज्यांग में खिसकी चट्टान, कुछ घंटों के लिए खुला लिपुलेख मार्ग फिर बंद
व्यास घाटी मेंं चीन सीमा से लगे सात गांवों सहित सेना और अद्र्धसैनिक बलों कि लिए परेशानी बढ़ चुकी है।

संवाद सूत्र, धारचूला/ मुनस्यारी : धारचूला -तवाघाट -व्यास मार्ग पर दो दिन से स्यांठा के पास बंद मार्ग यातायात के लिए खुला, परंतु नज्यांग के पास चट्टान खिसक जाने से मार्ग बंद हो गया है। उच्च हिमालय से आ रहे वाहन फंस गए हैं। जिले में तीन सीमा मार्ग, दो स्टेट हाईवे, दो सीमा मार्ग और सात ग्रामीण मार्ग बंद है। एक लाख से अधिक की आबादी को तीन माह बाद भी राहत नहीं मिल सकी है।

धारचूला- तवाघाट- व्यास मार्ग दो दिन पूर्व स्यांठा के पास मलबा आने से बंद हो गया था। इस मार्ग के बंद होने से तीनों घाटियों में चीन सीमा का सम्पर्क भंग था। मंगलवार दोपहर को स्यांठा के पास मार्ग खुलने से लिपुलेख मार्ग खुला परंतु इस दौरान नज्यांग के पास चट्टानें खिसक जाने से मार्ग बंद हो चुका है। उच्च हिमालयी व्यास घाटी को आने जाने वाले वाहन फंसे हुए हैं।  जिस कारण व्यास घाटी मेंं चीन सीमा से लगे सात गांवों सहित सेना और अद्र्धसैनिक बलों कि लिए परेशानी बढ़ चुकी है। दूसरी तरफ सोबला-दारमा मार्ग 102 दिन बाद भी नहीं खुला है।

दारमा मार्ग नहीं खुलने से चालीस से अधिक गांवों की स्थिति दयनीय हो चुकी है। आवश्यक वस्तुओं का अभाव बना है। हजारों की संख्या में ग्रामीण परेशान हैं। उसी तरह मुनस्यारी-मिलम मार्ग भी नहीं खुला है। जोहार के उच्च हिमालयी गांवो के ग्रामीण शीतकालीन प्रवास के लिए माइग्र्रेशन की तैयारी करने लगे हैं। अक्टूबर तक मार्ग नही खुलने पर ग्रामीणों के सम्मुख समस्या पैदा होने वाली है। दो राज्य सेक्टर की सड़कें और सात ग्रामीण मार्ग भी बंद होने से सौ के आसपास गांव अलग-थलग पड़े हैं।  

पोकलेन दुघर्टनाग्रस्त, चालक लापता

निर्माणाधीन मुनस्यारी मिलम मार्ग पर मुनस्यारी से लगभग 18 किमी दूर कार्य के दौरान एक पोकलेन मशीन खाई में गिर गई। पोकलेन आपरेटर लापता बताया जा रहा है। मार्ग निर्माण कार्य निजी कंपनी द्वारा किया जा रहा है। पोकलेन मशीन भी कंपनी की है।  सूचना मिलने के बाद राजस्व दल मौके पर गया है । क्षेत्र के संचार विहीन होने से दुर्घटना की पुष्ट जानकारी देर सायं तक नहीं मिल सकी है।

नज्यांग के पास मलबा हटा

तवाघाट - गर्बाधार -लिपुलेख मार्ग पर नज्यांंग के पास आया मलबा हटा दिया गया है। सायं को मार्ग यातायात के लिए खुल चुका है। दिन में चट्टान खिसकने से मार्ग बंद हो गया था। बीआरओ द्वारा मलबा हटाए जाने पर छह घंटे बाद मार्ग यातायात के लिए खुला। फंसे वाहन निकल सके।

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