चार माह से रोडवेज कर्मियों को नहीं मिला वेतन, लॉकडाउन का डर सता रहा

रोडवेज के छह हजार कर्मचारियों को चार माह से सैलरी नहीं मिल सकी। अप्रैल खत्म होने पर पांच महीने हो जाएंगे। वहीं आम लोगों की तरह इन्हें भी आशंका है कि आगे कहीं लॉकडाउन की स्थिति न आ जाए।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 07:44 AM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 07:44 AM (IST)
चार माह से रोडवेज कर्मियों को नहीं मिला वेतन, लॉकडाउन का डर सता रहा
चार माह से रोडवेज कर्मियों को नहीं मिला वेतन, लॉकडाउन का डर सता रहा

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : रोडवेज के छह हजार कर्मचारियों को चार माह से सैलरी नहीं मिल सकी। अप्रैल खत्म होने पर पांच महीने हो जाएंगे। वहीं, आम लोगों की तरह इन्हें भी आशंका है कि आगे कहीं लॉकडाउन की स्थिति न आ जाए। लिहाजा, रोडवेज कर्मचारियों की मांग है कि निगम मुख्यालय द्वारा तनख्वाह के लिए बजट जल्द जारी किया जाए। अधिकारिक सूत्रों की माने तो जल्द इस मामले में फैसला आ जाएगा।

पिछले साल लॉकडाउन के बाद से परिवहन निगम कर्मचारियों की सैलरी को लेकर मामला अटका हुआ है। आय गिरने की वजह से लगातार बजट भी अटकता गया। जिस वजह से नवंबर के बाद से रोडवेज में सैलरी नहीं बंट सकी। रोडवेज को प्रतिमाह भुगतान के लिए 22 करोड़ की जरूरत है। इस हिसाब से 88 करोड़ रुपये चाहिए। अभी तक जैसे-तैसे व्यवस्था चल रही थी। लेकिन अब रोडवेज कर्मचारियों को इस बात का डर सता रहा है कि अगर पिछली बार की तरह लॉकडाउन लगा तो बसों का संचालन भी बंद हो जाएगा। ऐसे में तनख्वाह मिलना और मुश्किल होगा।  

फिर जान जोखिम में

कोरोना संक्रमण का खतरा लगातार बढ़ रहा है। दिल्ली समेत अन्य राज्यों से लगातार प्रवासी वापसी कर रहे हैं। ऐसे में रोडवेज के चालक-परिचालक से लेकर बस स्टेशन पर कार्यरत अन्य स्टॉफ को भी संक्रमण का डर बना हुआ है। हालांकि, अफसरों का दावा है कि परिसर के साथ ही बसों को भी लगातार सैनिटाइज किया जा रहा है। पचास प्रतिशत सवारियों के नियमों की वजह से शारीरिक दूरी नियम का पालन हो रहा है। इसके अलावा बगैर मास्क किसी भी यात्री को बस में चढऩे नहीं दिया जा रहा।

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