ये लोहाघाट में रोडवेज का दफ्तर, कब कर्मचारियों लिए आफत बन जाए कहा नहीं जा सकता
जी हां ये चंपावत जिले के लोहाघाट का रोडवेज बस स्टेशन है। छमनियां चौड़ स्थित रोडवेज डिपो कार्यालय का जर्जर भवन किसी भी वक्त बड़े हादसे को दावत दे सकता है। भवन की दीवारों में दरार आने के साथ बारिश का पानी छत से टपक कर अंदर घुस रहा है।
लोहाघाट, जागरण संवाददाता : जी हां ये चंपावत जिले के लोहाघाट का रोडवेज बस स्टेशन है। छमनियां चौड़ स्थित रोडवेज डिपो कार्यालय का जर्जर भवन किसी भी वक्त बड़े हादसे को दावत दे सकता है। भवन की दीवारों में दरार आने के साथ बारिश का पानी छत से टपक कर अंदर घुस रहा है। सीलन से फोरमैन कार्यालय में काम करना मुश्किल हो रहा है। पानी अंदर घुसने से स्टोर में रखा सामान भी खराब हो रहा है।
डिपो कार्यालय का भवन 1983 में बना था। तब से इसकी एक बार भी मरम्मत नहीं हो पाई है। कर्र्मचारी एक साल से जर्जर हो चुकेभवन की मरम्मत करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। कर्मचारियों ने बताया कि बारिश के दौरान अंदर सिर छुपाना भी मुश्किल हो रहा है। कब दुर्घटना हो जाए इसका डर बना रहता है। कार्यशाला में वर्तमान में दो दर्जन से अधिक कर्मचारी काम करते हैं। इसके अलावा फोरमैन कार्यालय को भी खतरा बना हुआ है।
पिछले दिनों हुई बारिश से भवन की हालत और अधिक खराब हो गई है। छत टपकने से फोरमैन कार्यालय की फाइलें और अन्य कागजात भीग गए थे। जिसके बाद फोरमैन प्रकाश चंद्र बोथियाल ने इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को दी थी। उन्होंने जीर्ण-शीर्ण हो चुके भवनों की मरम्मत की मांग भी अधिकारियों से की है। फोरमैन ने बताया कि कार्यशाला की बाउंड्री चारों ओर से खुली है। रात में बेसहारा घूम रहे जानवर डिपो के अंदर घुसकर गंदगी कर रहे हैं। बताया कि जर्जर भवन से पैदा हुए खतरे की जानकारी से अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।
नरेन्द्र गौतम, एआरएम, लोहाघाट ने बताया कि डिपो कार्यालय के जर्जर भवन की मरम्मत की मांग उच्चाधिकारियों से की गई है। अत्यधिक बारिश और आंधी तूफान के वक्त कर्मचारियों को सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं। भवन की मरम्मत जल्द से जल्द हो इसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
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