दिल्ली से लौटने पर रेस्ट सिस्टम खत्म करने पर खोला मोर्चा

दिल्ली व अन्य लंबे रूटों पर रेस्ट सिस्टम खत्म करने के खिलाफ रोडवेज कर्मचारियों ने मोर्चा खोल दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 27 Nov 2020 08:25 PM (IST) Updated:Fri, 27 Nov 2020 08:25 PM (IST)
दिल्ली से लौटने पर रेस्ट सिस्टम खत्म करने पर खोला मोर्चा
दिल्ली से लौटने पर रेस्ट सिस्टम खत्म करने पर खोला मोर्चा

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : दिल्ली व अन्य लंबे रूटों पर रेस्ट सिस्टम खत्म करने के खिलाफ रोडवेज कर्मचारियों ने मोर्चा खोल दिया है। उनका कहना है कि निगम को चालक-परिचालकों की जान की परवाह नहीं है। चार माह से वेतन न मिलने पर भी नाराजगी जताई।

प्रदेश अध्यक्ष कमल पपनै व प्रांतीय महामंत्री अशोक चौधरी की मौजूदगी में शुक्रवार को बस अड्डे पर उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन की मंडल बैठक बुलाई गई थी। इस दौरान पदाधिकारियों ने कहा कि पहले लंबे रूट से आने पर चालक को अगले दिन रेस्ट मिलता था, मगर अब ड्यूटी पर बुलाया जा रहा है। कार्यशाला, डिपो व नीलाम वार्ड में खड़ी बसों की नीलामी नहीं करने पर भी कर्मचारियों ने नाराजगी जताई। कहा कि ज्यादा समय होने पर इनके दाम भी कम होंगे, जिससे परिवहन निगम को और घाटा होगा। महामंत्री अशोक चौधरी ने टिकट मशीन की कमी दूर करने के साथ आय कम होने पर परिचालक को दोषी ठहराने को उत्पीड़न बताया। कहा कि परिसंपत्ति बंटवारे के तहत जल्द रोडवेज को उत्तर प्रदेश से 28 करोड़ रुपये मिलेंगे। इससे रोडवेज को काफी राहत मिलेगी। बैठक में क्षेत्रीय अध्यक्ष एलडी पालीवाल, केपी सिंह, जितेंद्र कुमार, बलदेव सिंह, हरीश जोशी, प्रदीप शर्मा, जलील अहमद, ओमप्रकाश, आनंद बिष्ट, रंजीत राणा, गोपेश्वर आदि मौजूद रहे।

जीना कुमाऊं अध्यक्ष व अधिकारी बने मंत्री

रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के मंडल चुनाव शुक्रवार को काठगोदाम कार्यालय में संपन्न हो गए। बैठक के बाद सर्वसम्मति से आन सिंह जीना को कुमाऊं अध्यक्ष, भूपेंद्र अधिकारी क्षेत्रीय मंत्री व पीसी बिष्ट को कोषाध्यक्ष चुना गया।

क्षेत्रीय चुनाव में हिस्सा लेने के लिए सुबह ही नैनीताल रीजन के सभी डिपो के पदाधिकारी काठगोदाम पहुंच गए थे। पर्यवेक्षक पूरन चंद्र लोहनी व मोहन चंद्र पांडे ने सभी पदाधिकारियों की राय जानने के बाद जगदीश कांडपाल को उपाध्यक्ष, देशराज सिंह व पुष्कर बिष्ट संयुक्त मंत्री, उमेश जोशी व उमेश आर्य संगठन मंत्री व उमाशंकर वाजपेयी को लेखा पर्यवेक्षक चुना। इसके अलावा विक्रम सिंह डंगवाल, जेसी शर्मा, डूंगर सिंह संभल, जगमोहन, मनोहर सिंह, उमेश भट्ट व शंकर सिंह को प्रांतीय प्रतिनिधि की जिम्मेदारी दी गई।

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