पहाड़ से लौटे यात्री हुए परेशान, सरकार के आदेश के बावजूद रोडवेज ने वसूला दोगुना किराया

रोडवेज ने पुरानी दर के हिसाब से किराया लिया तो यात्रियों की जेब का बोझ भी हल्का हुआ मगर पहाड़ से वापसी करने वाले यात्रियों को नए आदेश का फायदा नहीं मिल सका। वजह एक दिन पहले पर्वतीय रूटों पर गई बसों की टिकट मशीन का अपडेट न होना था।

By Edited By: Publish:Wed, 30 Sep 2020 05:00 AM (IST) Updated:Wed, 30 Sep 2020 08:57 AM (IST)
पहाड़ से लौटे यात्री हुए परेशान, सरकार के आदेश के बावजूद रोडवेज ने वसूला दोगुना किराया
पहाड़ से वापसी करने वाले यात्रियों को नए आदेश का फायदा नहीं मिल सका।

हल्द्वानी, गोविंद बिष्ट : मंगलवार को रोडवेज ने पुरानी दर के हिसाब से किराया लिया तो यात्रियों की जेब का बोझ भी कुछ हल्का हुआ, मगर पहाड़ से वापसी करने वाले यात्रियों को नए आदेश का फायदा नहीं मिल सका। वजह एक दिन पहले पर्वतीय रूटों पर गई बसों की टिकट मशीन का अपडेट न होना था। इसके चलते इन सवारियों को दोगुना किराया ही देना पड़ा। वहीं, रोडवेज प्रशासन का दावा है कि रूट से लौटते ही संबंधित डिपो में मशीनों में पुराना किराया फीड कर दिया गया है।

लॉकडाउन के कारण 22 मार्च बसों का संचालन बंद कर दिया गया था। फिर 25 जून से सीमित संख्या में बसों का संचालन किया गया, मगर नए नियम के मुताबिक क्षमता के हिसाब से आधी सवारियां ही बैठाई गई। सवारियों की कमी के कारण रोडवेज का घाटा कम करने को सभी रूटों पर किराया दोगुना कर दिया गया, जिसके बाद सोमवार को शासन ने नया आदेश जारी करते हुए कहा कि मंगलवार से बसों में क्षमता के हिसाब से सवारियां बैठाने की छूट होगी। किराया भी लॉकडाउन से पहले वाली दर से लिया जाएगा। रोडवेज ने इस नियम का पालन भी कराया, मगर न चाहते हुए भी पहाड़ से वापसी करने वाले यात्रियों को बढ़ा किराया ही चुकाना पड़ा।

इन रूटों पर लिया ज्यादा किराया

सोमवार को हल्द्वानी से नैनीताल, दूनागिरी, जौरासी, पिथौरागढ़, जंगलिया गांव, बबियाड़, चनौती, देवाल, कौसानी, धरमगढ़ मार्ग पर बसें सवारियां लेकर गई थीं। नाइट स्टे करने के बाद ये मंगलवार सुबह वहां से लौटीं। रूट से लौटने के बाद परिचालकों ने अपनी-अपनी डिपो में मशीनों को ऑनलाइन अपडेट कराया। बुधवार से पुराना यानी कम किराया देना होगा।

chat bot
आपका साथी