पीडब्‍ल्‍यूडी से बाइपास ट्रांसफर होने पर रिंग रोड की 40 करोड़ लागत घटेगी

हल्‍द्वानी का सबसे बड़ा बाइपास अब लोक निर्माण विभाग के पास नहीं रहेगा। फोरलेन प्रोजेक्ट में शामिल होने के कारण तीनपानी से काठगोदाम तक की सड़क एनएचएआइ को ट्रांसफर हो जाएगी। खास बात यह है कि यह बाइपास ङ्क्षरग रोड का हिस्सा था।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Thu, 04 Mar 2021 08:05 AM (IST) Updated:Thu, 04 Mar 2021 08:05 AM (IST)
पीडब्‍ल्‍यूडी से बाइपास ट्रांसफर होने पर रिंग रोड की 40 करोड़ लागत घटेगी
पीडब्‍ल्‍यूडी से बाइपास ट्रांसफर होने पर रिंग रोड की 40 करोड़ लागत घटेगी

हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : हल्‍द्वानी का सबसे बड़ा बाइपास अब लोक निर्माण विभाग के पास नहीं रहेगा। फोरलेन प्रोजेक्ट में शामिल होने के कारण तीनपानी से काठगोदाम तक की सड़क एनएचएआइ को ट्रांसफर हो जाएगी। खास बात यह है कि यह बाइपास ङ्क्षरग रोड का हिस्सा था। ऐसे में एनएचएआइ द्वारा सड़क को चौड़ा करने पर रिंग रोड के बजट से करीब 40 करोड़ रुपये कम हो जाएंगे। पुराने डिजायन में काठगोदाम पुल को डबल लेन किया जाना था। इसे लेकर अभी स्थिति साफ नहीं है कि किसके खाते से यह काम होगा।  

अप्रैल 2017 में मुख्यमंत्री ने हल्द्वानी में रिंग रोड बनाने की घोषणा की थी। जिसके बाद लोक निर्माण विभाग ने सर्वे का काम शुरू करवाया। सर्वे पूरा होने पर पता चला कि प्रथम चरण में 1120 करोड़ रुपये की जरूरत है। प्रथम चरण का बजट जमीन अधिग्रहण, पेयजल लाइन, बिजली उपकरण आदि में खर्च होने थे। इसके बाद ङ्क्षरग रोड के निर्माण में 720 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान लगाया था। हल्द्वानी को जाम से निजात दिलाने वाले इस प्रोजेक्ट की लंबाई 51 किमी थी। मगर अब एनएचएआइ को बाइपास ट्रांसफर होने पर ङ्क्षरग रोड की लंबाई 38 किमी रह जाएगी।

एलीवेटेड सड़क व पुल ने बढ़ाए थे 240 करोड़

पूर्व में हुए सर्वे के दौरान दमुवाढूंगा के पास ब्यूरा में लैंडस्लाइड का खतरा आंका गया। जिसके चलते यहां 275 मीटर एलीवेटेड बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया। काठगोदाम में डबल लेन पुल व कुछ अन्य बदलाव भी शामिल हुए। प्रोजेक्ट में होने वाले इन बदलावों ने 240 करोड़ बजट में बढ़ा दिए।

51 एकड़ निजी जमीन की जरूरत

रिंग रोड की जद में निजी और सरकारी दोनों तरह की जमीन आ रही है। 51 एकड़ निजी नाप भूमि, 16.64 हेक्टेयर इंडस्ट्री लैंड, 32.27 हेक्टेयर वनभूमि व 176.12 वर्ग मीटर व्यावसायिक जमीन का अधिग्रहण करना पड़ेगा। वहीं, हर साल सर्किल रेट बढऩे से प्रोजेक्ट का बजट काफी प्रभावित होगा। ईई लोनिवि अशोक कुमार ने बताया कि काठगोदाम बाइपास एनएचएआइ को ट्रांसफर किया जाना है। इसे लेकर संयुक्त सर्वे भी हो चुका है। जल्द प्रक्रिया पूरी कर सड़क का स्वामित्व एनएचएआइ को दे दिया जाएगा।

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