अवैध नशे के बड़े अपराधियों तक नहीं पहुंच पा रही पुलिस
स्मैक का कारोबार भाबर से लेकर तराई तक तेजी से फैल रहा है। जिसमें पुलिस कार्रवाई भी हो रही है लेकिन पुलिस तंत्र नशे के भारी-भरकम पेड़ के सिर्फ पत्ते तोड़ पा रही है। जबकि जड़ तक पहुंच नहीं दिख रही है।
हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : स्मैक का कारोबार भाबर से लेकर तराई तक तेजी से फैल रहा है। जिसमें पुलिस कार्रवाई भी हो रही है, लेकिन पुलिस तंत्र नशे के भारी-भरकम पेड़ के सिर्फ पत्ते तोड़ पा रही है। जबकि जड़ तक पहुंच नहीं दिख रही है। जिसका असर है कि नशे का कारोबार नए पत्तों के रूप में जारी है। हर बार पुलिस सौ-पचास ग्राम स्मैक के साथ पैडलरों को पकड़कर अपनी पीठ थपथपा लेती है। लेकिन बड़े स्मगलरों की गिरफ्तारी नहीं हो पाती है।
स्मैक तस्करी के मामले पुलिस को लगभग रोज मिल रहे हैं। विवेचना के बाद कथित तस्करों को न्यायालय में पेश करने व जेल भेजने की कार्रवाई जारी है। जिसमें पूछताछ के बाद कथित तस्कर ऊधमसिंह नगर व अन्य जिलों से माल की खरीद की बात भी बताते हैं। इसके बाद भी स्मैक आपूर्ति की जड़ तक पुलिस नहीं पहुंच पा रही है। जिसका खामियाजा है कि तस्करी पर कोई खास असर नहीं पड़ रहा है। स्मैक तस्करी के साथ ही युवा पीढ़ी तेजी से नशे के दलदल में फंसती जा रही है। एसएसपी प्रीति प्रियदर्शिनी ने बताया कि नशे के खात्मे के लिए अभियान जारी है।
ऑपरेशन बज्रपात हुआ आरंभ
स्मैक तस्करी को रोकने के लिए नैनीताल पुलिस की ओर से आपरेशन बज्रपात शुरू किया गया है। जिसमें नशे में संलिप्त लोगों को पकड़कर काउंसलिंग की जा रही है। जिसमें अभी तक काउंसलिंग के दौरान उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के करीब 12 तस्करों के शामिल होने का दावा किया जा रहा है। जिन पर कार्रवाई के लिए भी चर्चा हो रही है। ऐसे में देखना यह है कि स्मैक के बड़े कारोबारियों तक पुलिस कैसे पहुंचती है।
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