आरक्षि‍त वन क्षेत्र में खनन पट्टा जारी करने पर केंद्र व राज्‍य सरकार से मांगा जवाब

हाईकोर्ट ने चमोली जिले के गैड़ा गांव में आरक्षित वन भूमि पर आवंटित खनन पट्टा के खिलाफ दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए केन्द्र व राज्य सरकार से चार सप्ताह में जवाब मांगा है। साथ ही खनन पट्टा मालिक को नोटिस जारी किया है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sat, 31 Oct 2020 03:17 PM (IST) Updated:Sat, 31 Oct 2020 03:17 PM (IST)
आरक्षि‍त वन क्षेत्र में खनन पट्टा जारी करने पर केंद्र व राज्‍य सरकार से मांगा जवाब
खनन पट्टा के खिलाफ दायर जनहित याचिका की सुनवाई।

नैनीताल, जेएनएन: हाईकोर्ट ने चमोली जिले के गैड़ा गांव में आरक्षित वन भूमि पर आवंटित खनन पट्टा के खिलाफ दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए केन्द्र व राज्य सरकार से चार सप्ताह में जवाब मांगा है। साथ ही खनन पट्टा मालिक को नोटिस जारी किया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवि मलिमठ व न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की खण्डपीठ में चमोली निवासी प्रकाश सिंह बिष्ट की ओर से दायर याचिका पर शन‍िवार को सुनवाई हुई। याचिका में पट्टा आवंटन को  चुनौती दी गयी है। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया है कि राज्य सरकार ने 2011 में  आरक्षित वनों को वन की परिभाषा से बाहर कर दिया था और इन पर पट्टे आवंटित कर दिये थे। एक खनन पट्टा चमोली जनपद के गैड़ा गांव में भी लीज पर आवंटित किया गया है। कहा गया है क‍ि पट्टे के ल‍िए भी केन्द्र सरकार की अनुमति नहीं ली गयी है। जिसे उच्च न्यायालय ने  2017 में निरस्त कर दिया था।

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