सुशीला तिवारी अस्‍पताल का होगा ऑडिट, संसाधन और स्‍टाफ का संकट होगा दूर

सुशीला तिवारी अस्‍पताल की खामियों को दूर करने के लिए ऑडिट होगा। शनिवार को चिकित्सा शिक्षा निदेशक सी रविशंकर ने अस्पताल का दौरा करते हुए कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त करने के लिए हरसंभव प्रयास जारी है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sun, 05 Sep 2021 08:07 AM (IST) Updated:Sun, 05 Sep 2021 08:07 AM (IST)
सुशीला तिवारी अस्‍पताल का होगा ऑडिट, संसाधन और स्‍टाफ का संकट होगा दूर
सुशीला तिवारी अस्‍पताल का होगा ऑडिट, संसाधन और स्‍टाफ का संकट होगा दूर

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : डा. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय की खामियों को दूर करने के लिए प्रोफेशनल तरीके से ऑडिट होगा। ऑडिट में जितने भी गैप दिखेंगे उसे भरने के लिए शासन स्तर पर ठोस रणनीति बनेगी। शनिवार को चिकित्सा शिक्षा निदेशक सी रविशंकर ने अस्पताल का दौरा करते हुए कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त करने के लिए हरसंभव प्रयास जारी है।

अस्पताल में पहुंचते ही निदेशक सी रविशंकर ने ओपीडी कक्ष, डायलिसिस, ट्रामा सेंटर के बाद पीआइसीयू का गहन निरीक्षण किया। इस संबंध में प्राचार्य प्रो. अरुण जोशी से चर्चा की। इसके बाद पत्रकारों से मुखातिब रविशंकर ने कहा कि अस्पताल का पूरा प्रोफेशनल ऑडिट जरूरी है। इस ऑडिट से संसाधन, उपकरण व मैनपावर आदि की सही स्थिति पता चल जाएगी। इसके बाद कमियों को दूर किया जाएगा।

निदेशक ने अस्पताल की दीवारों में आए सीलन को लेकर कहा कि कॉलेज प्रशासन 20 सितंबर तक सीलन की समस्या को दूर करे। वह फिर निरीक्षण को पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में मेडिकल कॉलेजों में डाक्टरों की कमी को दूर करने के लिए प्रयासरत हैं। इस दौरान अपर निदेशक डा. आशुतोष सयाना, एमएस डा. वीके सत्यवली, आलोक उप्रेती, पंकज बोरा, चंद्रशेखर गुरुरानी, एलएम भट्ट आदि शामिल रहे।

उपनलकर्मियों के मामले में जल्द होगा निर्णय

एसटीएच में उपनल कर्मियों की हड़ताल और उनकी समस्याओं को लेकर पूछे जाने पर निदेशक का जवाब था, इस मामले में शासन स्तर पर विचार-विमर्श चल रहा है। जल्द ही इस पर निर्णय हो जाएगा। समस्या का समाधान हो जाएगा।

कोरोना को लेकर तैयार करने हैं बेड

चिकित्सा शिक्षा निदेशक सी रविशंकर का कहना है कि हमें भारत सरकार की ओर ग्रांट मिल रही है। इसी के तहत हमें पहले 42 बेड का आइसीयू बनाना है। इसके बाद फिर 30 बेड का आइसीयू बनाया जाएगा। इसके लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। जल्द ही मरीजों का इसका लाभ मिलने लगेगा।

दून मेडिकल कॉलेज के डाक्टरों पर होगी कार्रवाई

राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी व दून से 20 से अधिक डाक्टरों का अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज ट्रांसफर किया गया था। दून से सात से अधिक डाक्टरों ने अभी तक ज्वाइन नहीं किया है। इस मामले में निदेशक ने कहा कि ऐसे डाक्टरों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है। अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज लेकर उनका कहना था कि हमारे सामने इंफ्रास्ट्रक्चर व मेनपावर चुनौती है। फिर भी हमारी कोशिश है कि कॉलेज जल्द शुरू हो जाए।

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