क्षैतिज आरक्षण व रामपुर तिराहा कांड के पीडि़तों को न्याय दिलाने का संकल्‍प

राज्य आंदोलनकारी अधिवक्ता संघ की बैठक में राज्य आंदोलनकारियों को दस फीसद क्षैतिज आरक्षण ददिलाने के लिए सामाजिक व कानूनी मोर्चे पर एकजुट होकर लड़ाई लडऩे का संकल्प लिया गया।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Wed, 19 Dec 2018 07:06 PM (IST) Updated:Thu, 20 Dec 2018 06:56 PM (IST)
क्षैतिज आरक्षण व रामपुर तिराहा कांड के पीडि़तों को न्याय दिलाने का संकल्‍प
क्षैतिज आरक्षण व रामपुर तिराहा कांड के पीडि़तों को न्याय दिलाने का संकल्‍प

नैनीताल, जेएनएन : राज्य आंदोलनकारी अधिवक्ता संघ की बैठक में राज्य आंदोलनकारियों को दस फीसद क्षैतिज आरक्षण दिलाने तथा रामपुर तिराहा कांड के पीडि़तों को न्याय दिलाने के लिए सामाजिक व कानूनी मोर्चे पर एकजुट होकर लड़ाई लडऩे का संकल्प लिया गया। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की पुरजोर पैरवी करने तथा रामपुर तिराहा कांड के आरोपित मुजफ्फरनगर के तत्कालीन डीएम अनंत कुमार सिंह के खिलाफ मुकदमे की अनुमति के लिए विधान सभा में प्रस्ताव पारित करने की मांग उठाई गई। साथ ही एक स्वर में उत्तराखंड को संविधान के अनुच्छेद-371 डी के तहत विशेष दर्जा देने की मांग उठाई गई।

बुधवार को मल्लीताल क्षेत्र के होटल में अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष रमन साह की अध्यक्षता में हुई बैठक में दून, हरिद्वार से लेकर चमोली, कोटद्वार, बागेश्वर, अल्मोड़ा से भी राज्य आंदोलनकारी पहुंचे। संघ महासचिव एमसी पंत ने बैठक का संचालन करते हुए कहा कि दस फीसद क्षैतिज आरक्षण राज्य आंदोलनकारियों का अधिकार है। इस दौरान विभिन्न हिस्सों से पहुंचे वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारियों ने आरक्षण व रामपुर तिराहा कांड मामले में कानूनी लड़ाई का बीड़ा उठाने के लिए अधिवक्ता संघ की सराहना की और सड़क से लेकर विधान सभा तक लड़ाई जारी रखने पर जोर दिया। साथ ही सरकारों के राज्य आंदोलनकारियों के हितों तथा गैरसैंण राजधानी को लेकर रवैये पर गहरी निराशा प्रकट की गई।

बैठक में उक्रांद के पूर्व केंद्रीय अध्यक्ष डॉ एनएस जंतवाल, कोटद्वार के महेंद्र सिंह रावत, राज्य आंदोलनकारी मंच के अध्यक्ष जगमोहन नेगी, महासचिव रामलाल खंडूरी, गोविंद सिंह भंडारी, चमोली के भूपेंद्र रावत व शंकर लाल, रुड़की के अमर सिंह, नवीन नैथानी, पुष्कर सिंह मेहरा, रईस भाई, सैय्यद नदीम मून, रईस भाई, पान सिंह रौतेला, किशोर गहतोड़ी, भुवनेश जोशी, त्रिभुवन फत्र्याल, ललित सामंत, रवि जोशी, जानकी प्रसाद, आइडी पालीवाल समेत तमाम अधिवक्ता व राज्य आंदोलनकारी मौजूद थे।

मुख्य मांगें

2015 में विधान सभा सीटों का परिसीमन आबादी के साथ ही क्षेत्रफल के आधार पर हो गैरसैंण को स्थाई राजधानी घोषित किया जाए रामपुर तिराहा कांड मामले में तत्कालीन डीएम अनंत के खिलाफ मुकदमे की अनुमति के लिए विधान सभा में प्रस्ताव लाया जाए हाल ही में सरकार की ओर से बनाए गए भूमि कानून को निरस्त किया जाए

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