नालों की सफाई में देरी से मुसीबत में शहरवासी, बारिश से कई इलाकों में हुआ जलभराव
पार्षदों ने नगर निगम प्रशासन पर नालों की सफाई में देरी का आरोप लगाया है। हर साल बरसात से पहले नगर निगम आठ नालों की सफाई कराता है। निगम के सीमा विस्तार के बाद 14 नाले इसके दायरे में आ गए हैं।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : मानसून आने में अभी डेढ़ माह का समय है, लेकिन रविवार की बारिश से जिस तरह शहर में जलभराव हुआ उससे लोगों में रोष व्याप्त है। पार्षदों ने नगर निगम प्रशासन पर नालों की सफाई में देरी का आरोप लगाया है। हर साल बरसात से पहले नगर निगम आठ नालों की सफाई कराता है। निगम के सीमा विस्तार के बाद 14 नाले इसके दायरे में आ गए हैं। इनकी सफाई के लिए नगर निगम 16.32 लाख में टेंडर किया। पहले टेंडर में देरी और फिर ठेकेदार ने काम शुरू करने में देरी कर दी। इससे नालों की सफाई शुरू नहीं हो पाई।
पार्षद वार्ड 30 जाकिर हुसैन ने बताया कि वार्ड में सफाई का बुरा हाल है। कर्मचारियों के लिए दो साल तक आवाज उठाते रहा। नाली का कचरा सड़कों पर भरने से लोगों का चलना मुश्किल होता है। नालों की सफाई शीघ्र हो। पार्षद वार्ड 8 रवि वाल्मीकि का कहना है कि मेरे वार्ड के कुल्यालपुरा के कई कालोनी में जलभराव होता है। पानी की निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं है। गंदगी से बीमारी का खतरा रहता है। नगर निगम को ड्रेनेज सिस्टम बेहतर करें। पार्षद वार्ड 21 मोहम्मद गुफरान ने बताया कि ईदगाह नाला ओवरफ्लो होने से रविवार को कई घरों व दुकानों में गंदगी भर गई थी। इसे साफ करने में काफी समय लग गया। टेंडर होने के बाद भी नालों की सफाई न होना गंभीर लापरवाही है। पार्षद वार्ड 59 रईस वारसी गुड्डू का कहना है कि इंदिरानगर नाले का पानी जोशी विहार के कई घरों में भर गया। कई बार आवाज उठाने के बाद भी नाले का स्थाई हल नहीं निकाला जा सका। कम से कम सफाई तो समय पर होनी चाहिए।
वहीं, सहायक नगर आयुक्त गौरव भसीन ने बताया कि पिछले सप्ताह ठेकेदार को नोटिस दिया गया था। तीन दिन पहले उसने काम शुरू कर दिया है। एक माह में काम पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
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