Uttarakhand Disaster Updates : रामनगर में बाढ़ में फंसे 31 लोगाें को सेना के हेलीकाप्टर से किया रेस्क्यू
Uttarakhand Disaster Updates लगातार पानी बढऩे से लोगों व बाढ़ में फंसे ग्रामीणों की धड़कनें भी बढऩे लगी। बाढ़ में बहने की आशंका पर अधिकारी भी सक्रिय हो गए। मंडी समिति अध्यक्ष नैनवाल ने केंद्रीय राज्यमंत्री अजय भट्ट को फोन कर हेलीकाप्टर की जरूरत बताई।
जागरण संवाददाता, रामनगर: वन ग्राम सुंदरखाल गांव में कोसी नदी की बाढ़ में फंसी 31 जिदंगियों को 15 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बचा लिया गया। दिल्ली से आए वायुसेना के हेलीकाप्टर से बाढ़ के बीच फंसे 25 ग्रामीणों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर लाया गया। जबकि छह ग्रामीणों को पहले ही राफ्ट से निकाल लिया गया था।
सुंदरखाल वन ग्राम कोसी नदी के किनारे स्थित है। रात करीब 12 बजे से कोसी नदी में पानी बढऩे से उनकी झोपडिय़ां बाढ़ की चपेट में आ गई। गांव से कोई कॉल नहीं लगने से सुबह सात बजे 15 झोपडिय़ों में करीब 50 ग्रामीणों के बाढ़ में फंसने की जानकारी हुई। प्रात: आठ बजे मंडी समिति के अध्यक्ष राकेश नैनवाल, अग्रिशमन अधिकारी किशोर उपाध्याय मौके पर पहुंचे। लगातार पानी बढऩे से लोगों व बाढ़ में फंसे ग्रामीणों की धड़कनें भी बढऩे लगी। बाढ़ में बहने की आशंका पर अधिकारी भी सक्रिय हो गए। मंडी समिति अध्यक्ष नैनवाल ने केंद्रीय राज्यमंत्री अजय भट्ट को फोन कर हेलीकाप्टर की जरूरत बताई।
केंद्रीय मंत्री भट्ट ने नैनवाल को सेना का हेलीकाप्टर भेजने का आश्वासन दिया। इस दौरान विधायक दीवान सिंह बिष्ट, एसडीएम गौरव चटवाल, पूर्व पालिकाध्यक्ष भगीरथ लाल चौधरी भी मौके पर पहुंचे। जब तक हेलीकाप्टर पहुंचा तब तक मंडी अध्यक्ष नैनवाल, गिरिजा चौकी इंचार्ज मनोज नयाल, अग्रिशमन टीम के लोगों व ग्रामीणों द्वारा बाढ़ के नजदीक फंसे छह ग्रामीणों को राफ्ट के जरिए निकाल लिया गया था। अपराहन तीन बजे सुंदरखाल पहुंचा सेना के हेलीकाप्टर को एक जगह पर उतरने की जगह नहीं मिली तो नीचे बकेट टोकरीनुमा के जरिये चार ग्रामीणों को बैठाकर सुरक्षित जगह पहुंचाया। इसके बाद आगे हेलीकाप्टर उतर गया। सभी ग्रामीणों को बैठाकर हेलीकाप्टर से स्कूल के मैदान में उतार दिया गया। नैनवाल ने केंद्रीय राज्य मंत्री का आभार जताया।
लोग मां गिरिजा से करते रहे विनती
ग्रामीणों के कोसी नदी की बाढ़ में फंसने पर हड़कंप मचा रहा। लोग बाढ़ में फंसे लोगों को धैर्य बंधाते रहे। हर कोई ग्रामीणों के मां गिरिजा को याद कर सकुशल निकलने के लिए विनती करते रहे। कोसी नदी की बाढ़ में एक गर्भवती महिला भी फंस गई थी। सभी लोगों के सकुशल निकलने पर लोगों व प्रशासन ने राहत की सांस ली। बाढ़ में फंसे ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें विश्वास नहीं था कि वह बच जाएंगे। उन्हें एक तरह से नई जिंदगी मिली है।
पहली बार हेलीकाप्टर से हुआ रेस्क्यू
क्षेत्र में बाढ़ में फंसे लोगों को हेलीकाप्टर से बचाने का यह पहला मामला है। इससे पहले भी कई बार बाढ़ आई, लेकिन हेलीकाप्टर की जरूरत नहीं पड़ी।