सुंदरढूंगा घाटी में तीसरे दिन खराब मौसम के चलते रेस्क्यू अभियान बाधित, लौट आया सेना का हेलीकाप्टर

हेलीकाप्टर हिमालयी क्षेत्र का मौसम खराब होने के कारण लौट गया। वहीं प्रशासन अब एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम को पैदल भेज रहा है। अलबत्ता रेस्क्यू अभियान में मौसम खलल पैदा करने लगा है। उच्च हिमालयी क्षेत्र में सुबह छह से दस बजे तक ही हेलीकाप्टर उड़ान भर सकता है।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 05:28 PM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 05:28 PM (IST)
सुंदरढूंगा घाटी में तीसरे दिन खराब मौसम के चलते रेस्क्यू अभियान बाधित, लौट आया सेना का हेलीकाप्टर
सुंदरढूंगा में रेस्क्यू अभियान के लिए गए सेना के दो हेलीकाप्टर जांतोली गांव से लौट आए हैं।

जागरण संवाददाता, बागेश्वर: सुंदरढूंगा घाटी में रेस्क्यू अभियान तीसरे दिन पर नहीं चल सका है। वहां हताहत पांच बंगाली और एक जैकुनी गांव के गाइड का अभी तक पता नहीं चल सका है। हेलीकाप्टर हिमालयी क्षेत्र का मौसम खराब होने के कारण लौट गया। वहीं, प्रशासन अब एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम को पैदल भेज रहा है। अलबत्ता रेस्क्यू अभियान में मौसम खलल पैदा करने लगा है।

सुंदरढूंगा घाटी से सुरक्षित लौटे जैकुनी, बाछम गांव के तारा सिंह पुत्र दीवान सिंह, विनोद सिंह पुत्र प्रताप सिंह, सुरेश सिंह पुत्र प्रताप सिंह, कैलाश सिंह पुत्र धाम सिंह ने बताया कि दो दिन पूर्व बर्फीला तूफान में ट्रैकर फंस गए थे। वह अपना नाम साधन, सागर दास, सी शेखर दास, प्रीतम रे, पीएस दास बता रहे थे। उनके बचने की कोई उम्मीद नहीं है। उनके गांव का गाइड खिलाफ सिंह भी उनके साथ लापता है। उच्च हिमालयी क्षेत्र में सुबह छह से दस बजे तक ही हेलीकाप्टर उड़ान भर सकता है। उसके बाद बादल छा जाते हैं। उसके बाद दोपहर दो बजे बाद हेलीकाप्टर से रेस्क्यू हो सकता है। 

हेलीकाप्टर जांतोली से लौटे

सुंदरढूंगा में रेस्क्यू अभियान के लिए गए सेना के दो हेलीकाप्टर जांतोली गांव से लौट आए हैं। यहां से सुंदरढूंगा की दूरी लगभग 20 किमी है। मौसम खराब होने के कारण वह लैंड नहीं कर सके। जिलाधिकारी विनीत कुमार टीम के साथ कपकोट में डटे रहे। सफलता हासिल नहीं होने पर जिला मुख्यालय लौट आए हैं। 

डाक्टरों की टीम खाती रवाना

शनिवार को जिला अस्पताल से डा. एलएस बृजवाल के साथ एक मेडिकल टीम खाती गांव के लिए रवाना हो गई है। टीम में दो डाक्टर और एक अन्य स्टाफ शामिल है। थानाध्यक्ष कपकोट मदन लाल ने बताया कि डाक्टरों की टीम को आगे तो छोड़ आए हैं। वह शाम तक खरकिया तक पहुंचेंगे। वहां से लगभग 10 किमी पैदल खाती जाएंगे।

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