तीसरे दिन भी उच्च हिमालय में जारी रहा रेस्क्यू अभियान, हैलीकॉप्टर ने लगाए दस चक्कर, पचास व्यक्तियों को निकाला

चीन सीमा को जोडऩे वाले मार्ग बंद होने से उच्च हिमालय में फंसे और बीमार ग्रामीणों को रेस्क्यू करने का अभियान तीसरे दिन भी जारी रहा। तीसरे दिन हैलीकॉप्टर ने दस चक्कर लगाए । इस दौरान पचास लोगों को धारचूला लाया गया और 22 व्यक्तियों को उच्च हिमालय पह्रुंचाया गया।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 09:41 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 09:41 PM (IST)
तीसरे दिन भी उच्च हिमालय में जारी रहा रेस्क्यू अभियान, हैलीकॉप्टर ने लगाए दस चक्कर, पचास व्यक्तियों को निकाला
तीसरे दिन भी उच्च हिमालय में जारी रहा रेस्क्यू अभियान, हैलीकॉप्टर ने लगाए दस चक्कर, पचास व्यक्तियों को निकाला

पिथौरागढ़, जागरण सवाददाता : चीन सीमा को जोडऩे वाले मार्ग बंद होने से उच्च हिमालय में फंसे और बीमार ग्रामीणों को रेस्क्यू कर धारचूला लाने का अभियान तीसरे दिन भी जारी रहा। तीसरे दिन हैलीकॉप्टर ने दस चक्कर लगाए । इस दौरान उच्च हिमालय से पचास लोगों को धारचूला लाया गया और 22 व्यक्तियों को उच्च हिमालय पह्रुंचाया गया। जिसमें लोक निर्माण विभाग के अभियंता भी शामिल रहे। लोनिवि ने चीन सीमा पर स्थित अंतिम गांव सीपू को जोडऩे वाले पैदल मार्ग को खोलने का कार्य प्रारंभ कर दिया है।

गुरुवार को हैलीकॉप्टर ने धारचूला से व्यास घाटी के गुंजी, दारमा घाटी के तिदांग, बालिंग, नागलिंग, चल, सेला, ढाकर और चौदास घाटी के पांगू के चक्कर लगाए। इस दौरान बालिंग में फंसे हीमोफीलिया से ग्रसित चार साल के बालक , सेना में तैनात जवान सहित सभी स्थानों से पचास लोगों को धारचूला पहुंचाया। इस दौरान हैलीकॉप्टर से लोनिवि के सहायक अभियंता जीके पांडेय, अवर अभियंता की टीम सीपू ,तिदांग ,मारछा गांव पहुंंचे । जहां पर अंतिम गांव सीपू के बंद मार्ग को लेकर ग्रामीणों से वार्ता की गई।

क्षतिग्रस्त मार्ग और पुलों का निरीक्षण किया और ठेकेदार को मार्ग खोलने के निर्देश दिए। क्षतिग्रस्त छह किमी पैदल मार्ग खोलने का कार्य स्थानीय लोगों ने प्रारंभ कर दिया है। ठेकेदार जीवन मार्छाल ने मार्छा गांव में लगे वी सैट से बताया कि मार्ग खोलने का कार्य प्रारंभ हो गया है। अंतिम गांव सीपू मार्ग ग्लेशियर आने , पुल बहने और मार्ग क्षतिग्रस्त होने से बंद है। पूरी दारमा घाटी अलग- थलग पड़ी है। सीपू गांव का मार्ग क्षतिग्रस्त होने से क्षेत्र के के अन्य गांवों से सम्पर्क कटा है।

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