तनाव से बचें और आयुर्वेद से दूर करें माइग्रेन , जानिए क्या कह रहे हैं वरिष्ठ आयुर्वेद विशेषज्ञ डा. मेहता
आज जिस तरह की तनावग्रस्त जीवनशैली हो गई है ऐसे में माइग्रेन की समस्या भी तेजी से बढऩे लगी है। कोरेाना महामारी के दौर में यह बीमारी और तीव्र हुई है। इस बीमारी में लोग तमाम तरह की जांचें करा लेते हैं जबकि अधिकांश समय इसकी जरूरत नहीं होती है।
हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : आज जिस तरह की तनावग्रस्त जीवनशैली हो गई है ऐसे में माइग्रेन की समस्या भी तेजी से बढऩे लगी है। कोरेाना महामारी के दौर में यह बीमारी और तीव्र हुई है। इस बीमारी में लोग तमाम तरह की जांचें करा लेते हैं, जबकि अधिकांश समय इसकी जरूरत नहीं होती है। आयुर्वेद में इसका बेहतर इलाज संभव है। यह कहना है डा. एनके मेहता का। वह चरक क्लीनिक में वरिष्ठ कायचिकित्सा व आयुर्वेद विशेषज्ञ है। रविवार के उन्होंने दैनिक जागरण के हैलो डाक्टर में कुमाऊं भर के लोगों को फोन पर परामर्श दिया।
पुरुषों से ज्यादा महिलाओं में दिक्कत
डा. मेहता ने बताया कि माइग्रेन की समस्या 20 फीसद महिलाओं व छह फीसद पुरुषों में होती है। महिलाओं में इस बीमारी के ज्यादा होने के तमाम कारण हैं। वात दोष बढ़ कर जब कफ दोष के साथ होता है तो आधे सिर से लेकर पूरे माथे, भौं, कान और कान के ऊपरी हिस्से तक में दर्द होने लगता है। इसे माइग्रेन का अटैक भी कहते हैं।
इन कारणों से होता है माइग्रेन
ये हैं बीमारी के लक्षण बेचैनी होने के साथ ही तेज सिर दर्द रोगी को दर्द के समय रोशनी से चिढ़ होना जी मिचलना, उल्टी होना
बचने के लिए अपनाएं ये तरीका
इन्होंने लिया परामर्श
बनबसा से ज्योति तिवारी, हल्द्वानी के तिकोनिया से एपी सिंह, आरटीओ रोड से नवीन पांडे, जेल रोड से जानकी, ऊंचापुल से मनोज आर्य, भीमताल से दीपा कुरिया, काशीपुर से जानकी कश्यपत, बाजपुर से मो. दानिश, रानीखेत से खष्टी बिष्ट, पिथौरागढ़ से भावना पांडे, गदरपुर से पूजा, अल्मोड़ा से हेम कुमार पांडे, बागेश्वर से मुन्नी कांडपाल, काशीपुर से सत्यवीर सिंह, सोमेश्वर से भावना पांडे ने फोन कर परामर्श लिया।
Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें