राज्य के पांच डिग्री कॉलेज में शिक्षकों के 75 पदों पर कटौती, आदेश में अस्‍पष्‍टता की सुगबुगाहट

पांच डिग्री कॉलेजों में से शिक्षकों के 75 पदों की कटौती कर दी है। इन पदों को दूसरे डिग्री कॉलेजों में समायोजित कर दिया है। सबसे अधिक एमबीपीजी कॉलेज के 51 पद हैं। अपर सचिव एमएम सेमवाल की ओर से कहा गया है निर्णय छात्र हित में लिया गया है।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Sat, 17 Jul 2021 06:33 AM (IST) Updated:Sat, 17 Jul 2021 06:33 AM (IST)
राज्य के पांच डिग्री कॉलेज में शिक्षकों के 75 पदों पर कटौती, आदेश में अस्‍पष्‍टता की सुगबुगाहट
एमबीपीजी कॉलेज ऐसा महाविद्यालय है, जहां सरकार नए पदों का भी सृजन कर सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : उच्च शिक्षा विभाग ने पांच डिग्री कॉलेजों में से शिक्षकों के 75 पदों की कटौती कर दी है। इन पदों को दूसरे डिग्री कॉलेजों में समायोजित कर दिया है। सबसे अधिक संख्या एमबीपीजी कॉलेज हल्द्वानी के 51 पद हैं। अपर सचिव एमएम सेमवाल की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि यह निर्णय छात्र हित में लिया गया है।

इस तरह की है कटौती

एमबीपीजी कॉलेज से शिक्षकों के 51, राजकीय स्नाकोत्तर महाविद्यालय पिथौरागढ़ से चार, गोपेश्वर से दो, पौड़ी से पांच व कांडा महाविद्यालय से 13 पदों की कटौती की गई है। इन पदों को अधिकांश पर्वतीय क्षेत्रों के कॉलेजों में समायोजित किए गए हैं।

नए पदों को सृजित नहीं किया जा सका

शासन ने भले ही तर्क दिया है कि जहां ज्यादा पद थे। विद्यार्थियों की संख्या कम थी। वहां से पदों को उन महाविद्यालयों में स्थानांतरित किया गया है, जहां छात्रों की संख्या अधिक है। जबकि, एमबीपीजी कॉलेज ऐसा महाविद्यालय है, जहां जरूरत से ज्यादा छात्र प्रवेश लेते हैं। सरकार नए पदों का भी सृजन कर सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।

शिक्षक भी जाएंगे, आदेश में स्पष्ट नहीं

एमबीपीजी कॉलेज के कई विभागों स्थानांतरित किए गए पदों पर शिक्षक तैनात हैं। अब पद रिक्त होने के बाद शिक्षकों को किस तरीके से दूसरे महाविद्यालय में स्थानांतरित किया जाएगा। यह भी शासनादेश में स्पष्ट नहीं है। फिलहाल विभाग के लोगों को समझ नहीं आ रहा कि यह कैसे होगा। हालांकि आदेश आने के बाद उसके अध्ययन से तस्वीर साफ हो सकेगी। इसके अलावा वर्ष भर शिक्षकों की कमी की बात होने के बाद ऐसे निर्णय से मामला पेचीदा हो गया है। इस पर कुछ समय बाद ही स्थिति स्पष्ट होने की उम्मीद की जा रही है।

निदेशक उच्च शिक्षा डॉ. कुमकुम रौतेला का कहना है कि कई डिग्री कॉलेजों में पदों की कमी थी। हमने पहले नए पदों के सृजन के लिए प्रस्ताव भेजा था। शासन ने उन कॉलेजों से पदों को स्थानांतरित कर दिया है, जहां छात्रसंख्या कम है। इससे नए कॉलेजों को भी शिक्षक मिल पाएंगे।

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