बलियानाला क्षेत्र के व्यापक अध्ययन की सिफारिश
अतिसंवेदनशील बलियानाला क्षेत्र में भारी भूस्खलन की वजह से खतरा बढ चुका है।
जागरण संवाददाता, नैनीताल : अतिसंवेदनशील बलियानाला क्षेत्र में भारी भूस्खलन की वजह से खतरा बढ़ता जा रहा है। लगातार कटाव तथा ऊपरी इलाकों में चौड़ी होती दरार सैकड़ों परिवारों की नींद हराम कर रही है। जापान के विशेषज्ञों ने पूरे बलियानाला क्षेत्र के व्यापक अध्ययन की सिफारिश करते हुए जिला प्रशासन को प्रारंभिक रिपोर्ट दे दी है।
डीएम विनोद कुमार सुमन ने बताया कि रिपोर्ट में बलियानाले के व्यापक अध्ययन की सिफारिश की गई है। इस रिपोर्ट के आधार पर मुख्य सचिव व आपदा प्रबंधन सचिव को विशेषज्ञों का दल भेजने के लिए पत्र भेजा जा चुका है। इधर, विधायक संजीव आर्य के अनुसार उन्होंने बलियानाला भूस्खलन से बढ़े खतरे को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को अवगत करा दिया है। मुख्यमंत्री ने भरोसा दिया है कि सरकार मामले में गंभीर है। बीते दिनों पहाड़ी दरकने से बड़ा हिस्सा बलियानाला में समा गया था। इससे यहां बनाई गई दो पेयजल योजनाएं ध्वस्त हो गई थीं। इस कारण बल्दियाखान व गेठिया के बाशिंदों को पेयजल के वैकल्पिक इंतजाम करने पड़े हैं। जिला प्रशासन के अनुरोध पर जायका परियोजना में शामिल जापानी विशेषज्ञ तथा वन विभाग के अधिकारियों ने भूस्खलन प्रभावित इलाके का निरीक्षण किया था। आपदा की दृष्टि से संवेदनशील है नैनीताल
देश-दुनिया में पर्यटन की दृष्टि से विख्यात सरोवर नगरी आपदा की दृष्टि से बेहद संवेदनशील है। बलियानाले की पहाड़ी पर भूस्खलन और लोवर माल रोड का बड़ा हिस्सा टूटकर झील में समाने के बाद से आशंकाएं बढ़ गई हैं। लोगों का कहना है कि लोवर माल रोड पर ही नैनीताल का भार टिका है यह रोड शहर का बेस है।