जनहित के मुद्दों को लेकर आवाज बुलंद कर रहे हैं रविशंकर जोशी
किसानों से अवैध वसूली हो या फिर अंतरराज्यीय बस अड्डा, ऐसे जनहित के अहम मुद्दों को लेकर आवाज बुलंद कर रहे हैं गौलापार निवासी रविशंकर जोशी।
हल्द्वानी, गणेश जोशी : किसानों से अवैध वसूली हो या फिर अंतरराज्यीय बस अड्डा, ये जनहित के ऐसे अहम मुद्दे हैं, जिन पर अक्सर राजनीतिक दलों का रवैया ढुलमुल रहता है। ऐसे मुद्दों को लेकर आवाज बुलंद कर रहे हैं गौलापार निवासी रविशंकर जोशी। आठ वर्षों में अब तक वह सूचना के अधिकार के तहत एक दर्जन से अधिक ऐसे ही मुद्दों को उच्च न्यायालय में भी उठा चुके हैं।
रवि ने मंडियों में गरीब किसानों से अवैध वसूली को लेकर पहले सूचना का अधिकार लगाया। पूरी जानकारी हासिल की। समाधान के लिए शिकायत की। जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो वह उच्च न्यायालय पहुंच गए। न्यायालय के निर्देश पर उत्तराखंड की मंडियों में कृषि उपज की बिक्री के लिए नई गाइडलाइन बनाई गई। इससे लाखों किसानों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष लाभ मिला। जमरानी क्षेत्र गौला नदी में अवैध खनन का खेल चलता है। आरटीआइ से सूचना ली और फिर खनन माफियाओं के खिलाफ कोर्ट में गए। मामला विचाराधीन है। इसके अलावा गौला पुल के टूटने, रेलवे अतिक्रमण समेत कई ऐसे जनहित के मुद्दे हैं, जिन पर भी रवि ने निर्भीकता से आरटीआइ मांगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए मामले को कोर्ट तक ले गए। अतिक्रमण हटाने को लेकर प्रक्रिया अभी भी जारी है। पंचायत युवा क्रीड़ा अभियान, उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन व लोक निर्माण विभाग में ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए किए गए टेंडरों के खिलाफ भी आवाज बुलंद की।
आइएसबीटी पर सरकार भी असहज
गौलापार में आइएसबीटी बनना था, लेकिन भाजपा सरकार ने पुराने आदेश को निरस्त कर दिया। नई जगह पर आइएसबीटी बनाने का निर्णय लिया है। इसे लेकर रवि ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा, लेकिन सरकार जवाब देने में असहज दिख रही है।
जमरानी बांध को लेकर जगी आस
जमरानी बांध पांच दशक से सिर्फ चुनावी मुद्दा बना हुआ है। जबकि, पेयजल से लेकर सिंचाई के लिए यह योजना बेहद अहम है। रवि ने इस मुद्दे पर जनहित याचिका लगाई। सरकार को छह महीने में एनओसी लेकर तीन साल में बांध के निर्माण के निर्देश दिए गए हैं।
भ्रष्टचार के कारण योजनाएं लंबित
रवि शंकर जोशी, आरटीआइ कार्यकर्ता ने बताया कि भ्रष्टाचार की वजह से योजनाएं लंबित हैं। इन योजनाओं को सरकार बेवजह टाल रही है। इसलिए जनहित में इन मुद्दों को उठाया जा रहा है। आगे भी यह प्रयास जारी रहेगा।
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