रानीखेत-खैरना स्टेट हाईवे पर दरकी पहाड़ी, भूस्खलन से राजमार्ग बंद

पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश थमने के बाद भी दुश्वारियां बरकरार हैं। आपदा के लिहाज से सुरक्षित रानीखेत खैरना स्टेट हाईवे पर बीते दिनों आसमान से बरसी आफत का असर कम नहीं हो रहा। यहां मल्ला पातली व कुछ अन्य स्थानों पर पहाड़ी दरकने से यातायात बाधित हो गया।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 11:19 AM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 11:19 AM (IST)
रानीखेत-खैरना स्टेट हाईवे पर दरकी पहाड़ी, भूस्खलन से राजमार्ग बंद
रानीखेत-खैरना स्टेट हाईवे पर दरकी पहाड़ी, भूस्खलन से राजमार्ग बंद

रानीखेत, जागरण संवाददाता : पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश थमने के बाद भी दुश्वारियां बरकरार हैं। आपदा के लिहाज से सुरक्षित रानीखेत खैरना स्टेट हाईवे पर बीते दिनों आसमान से बरसी आफत का असर कम नहीं हो रहा। यहां मल्ला पातली व कुछ अन्य स्थानों पर पहाड़ी दरकने से यातायात बाधित हो गया। भूस्खलन से खतरे के मुहाने पर आए मकान को खाली करा दिया गया है। प्रभावित परिवार ने ख्युशालकोट गांव में शरण ली है। इधर सड़क पर आए मलबे को हटाने का काम तेज कर दिया गया है। 

भुजान क्षेत्र में कनवाड़ी के पास कुंजगढ़ नदी में बाढ़ से रानीखेत स्टेट हाईवे का एक मुहाना धराशायी हो गया था। हालांकि तीन दिन यातायात बंद रहने के बाद बीते रोज वाहनों की आवाजाही शुरू कर दी गई थी। इधर शुक्रवार को मल्ला पातली में मूसलधार बारिश से कमजोर पड़ी पहाड़ी धूप खिलने के बाद भरभरा कर गिर गई। इससे कुछ पेड़ भी उखड़ कर मलबे के साथ राजमार्ग पर आ गिरे। आवाजाही ठप होने से छोटे बड़े वाहन जहां तहां फंसे रह गए। 

पातली क्षेत्र में समाजसेवी बालम सिंह नेगी का मकान भूस्खलन की जद में आ गया। घर खाली कर दिया गया है। बालम सिंह ने ख्युशालकोट गांव में अपने पैतृक घर में परिवार शिफ्ट कर दिया है। वहीं बजीना, बजोल आदि क्षेत्रों में भी नए पतनाले उफनाने से पहाड़ी का काफी कटान हो गया था। नतीजतन राजमार्ग पर मलबा व पत्थर गिरने से जोखिम भी बढ़ रहा है। 

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