ट्रकों के गुजरने से रानीबाग पुल को फिर खतरा, सिर्फ छोटे वाहनों के लिए खोला गया था पुल

चार दिन की मेहनत के बाद खोला गया रानीबाग पुल एक बार फिर से खतरे की जद में आ चुका है। प्रतिबंध के बावजूद यहां से बड़े वाहन यानी ट्रक और कैंटर गुजर रहे हैं। जिस वजह से पुल के साथ सड़क को फिर से खतरा पैदा हो चुका है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 10:08 AM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 10:08 AM (IST)
ट्रकों के गुजरने से रानीबाग पुल को फिर खतरा, सिर्फ छोटे वाहनों के लिए खोला गया था पुल
ट्रकों के गुजरने से रानीबाग पुल को फिर खतरा, सिर्फ छोटे वाहनों के लिए खोला गया था पुल

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : चार दिन की कड़ी मेहनत के बाद खोला गया रानीबाग पुल एक बार फिर से खतरे की जद में आ चुका है। प्रतिबंध के बावजूद यहां से बड़े वाहन यानी ट्रक और कैंटर गुजर रहे हैं। जिस वजह से पुल के साथ सड़क को फिर से खतरा पैदा हो चुका है। हालांकि, प्रशासन के कहने पर यहां दो सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे। उसके बावजूद गाडिय़ों का निकलना कई सवाल खड़े करता है। बीते सोमवार को रानीबाग पुल की सड़क टूटने पर यातायात पूरी तरह बंद हो गई थी। चार दिन सुबह सात से रात 12 बजे तक लोक निर्माण विभाग के जेई ने खुद मौके पर खड़े होकर काम पूरा करवाया था। लेकिन अब फिर से वाहनों के गुजरने से संकट खड़ा होगा।

यह है मामला

19 जुलाई की सुबह पहाड़ों पर हो रही लगातार बारिश के कारण रानीबाग पुल से सटी दस फीट की सड़क टूटकर नदी में समा गई। इससे पूरे कुमाऊं के यातायात पर असर पड़ा। पहाड़ को जाने और नीचे उतरने वाली गाडिय़ों को ज्योलीकोट होकर सफर करना पड़ा था। जिसका खामियाजा भीमताल, रामगढ़, अमृतपुर, जमरानी क्षेत्र के लोगों को सबसे ज्यादा उठाना पड़ा। उन्हें दोगुने से भी ज्यादा सफर तय करने के साथ किराया भी अधिक चुकाना पड़ा। वहीं, काश्तकारों के सामने समस्या और बढ़ गई। मंडी में फसल पहुंचाने के लिए उन्हें दोगुना किराया तो देना पड़ा। लेकिन ऊपज के दाम पुराने ही थे। अमृतपुर व जमरानी के लोग मजबूरी में पुल तक एक गाड़ी से पहुंचते। फिर शहर आने के लिए पैदल पुल पार कर दूसरी गाड़ी पकड़ते।

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