रामनगर के रसीली लीची की डिमांड देशभर में बढ़ी, बागानों को आपूर्ति करना हो रहा मुश्किल

रामनगर की रसीली लीची बाहरी राज्यों में अपना स्वाद बिखेर रही है। यहां के बागानों से लीची सीधे बाहरी राज्यों में सप्लाई हो रही है। खपत इतनी बढ़ गई कि मुंह मांगी कीमत मिलने पर भी बगीचे वालों के लिए आपूर्ति करना मुश्किल हो रहा है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Wed, 09 Jun 2021 11:40 AM (IST) Updated:Wed, 09 Jun 2021 05:55 PM (IST)
रामनगर के रसीली लीची की डिमांड देशभर में बढ़ी, बागानों को आपूर्ति करना हो रहा मुश्किल
रामनगर के रसीली लीची की डिमांड देशभर में बढ़ी, बागानों को आपूर्ति करना हो रहा मुश्किल

रामनगर, जागरण संवाददाता : रामनगर की रसीली लीची बाहरी राज्यों में अपना स्वाद बिखेर रही है। यहां के बागानों से लीची सीधे बाहरी राज्यों में सप्लाई हो रही है। खपत इतनी बढ़ गई कि मुंह मांगी कीमत मिलने पर भी बगीचे वालों के लिए आपूर्ति करना मुश्किल हो रहा है। बता दें के रामनगर में 875 हैक्टेयर क्षेत्रफल में लीची का उत्पादन होता है। यहां की लीची देशभर में प्रसिद्ध है। इस बार लीची का उत्पादन 50 हजार क्विंटल होने का अनुमान है।

रामनगर के लीची की खपत बाहरी राज्यों में काफी होने से इसके रेट भी महंगे हो चले हैं। बाहर से व्यापारी अपने वाहन लाकर रामनगर की लीची मुंह मांगे रेट पर खरीद कर ले जा रहे हैं। पिछले साल लीची का उत्पादन ढाई हजार मीट्रिक टन रहने से बगीचे के ठेकेदारों को नुकसान झेलना पड़ा था। लेकिन इस बार उत्पादन दोगुना साढ़े चार हजार तक पहुंच गया। पिछले साल तक लीची बाहरी राज्यों को औसतन 50 रुपये किलो तक बेची जाती थी। इस बार 90 व 100 रुपये किलो रेट होने के बाद भी खपत में कमी नहीं आई है। ऐसे मेें लीची की बढ़ती खपत को पूरा करना स्थानीय बगीचे वालों के लिए मुश्किल हो रहा है।

जानिए क्या कहते हैं बागान मालिक

बगीचा मालिक गौजानी मनमोहन बिष्ट ने बताया कि लीची की फसल इस बार काफी अच्छी थी। पहले जहां लीची के दाम 50 रुपये तक हो जाते थे। इस बार लीची के दाम 90 रुपये से नीचे नहीं आए। कई बगीचों से लीची सीधे दूसरे राज्य के व्यापारी खरीदकर ले जा रहे हैं। वहीं उद्यान विभाग के प्रभारी एएस परवाल ने बताया कि रामनगर की लीची का अच्छा स्वाद रहता है। जितनी धूप होगी लीची उतनी रसभरी व मोटी होगी। इस बार लीची का उत्पादन ठीक हुआ है। यहां की जलवायु लीची के लिए परिपूर्ण रहती है। लीची का सीजन अब लगभग खत्म होने को है।

इन राज्यों में जा रही लीची

रामनगर की रसीली लीची चंडीगढ़, पंजाब, उप्र. मेरठ, संभल, हरियाणा, राजस्थान, बॉम्बे, दिल्ली भेजी जा रही है। इसके अलावा स्थानीय मंडी में भी लीची की अच्छी खपत हो रही है।

Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें

chat bot
आपका साथी